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Home    कूड़े में मिली नवजात बच्ची 02 दिन नहीं, महज़ 2 घण्टे पहले जन्मी थी

Latest News On Infanticide

कूड़े में मिली नवजात बच्ची 02 दिन नहीं, महज़ 2 घण्टे पहले जन्मी थी

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मां तक पहुंची पानीपत पुलिस, जिसने जन्म दिया, पॉलीथिन में पैक किया और बच्ची को छत से नीचे डाल दिया

पानीपत की शिवपुरी में कुत्तों से काटी हुई हालत में मिली थी नवजात बच्ची

मोनिका आर्य

17 जनवरी 2022, सोमवार, पानीपत, हरियाणा।

उसने जब बमुश्किल अपनी नन्ही नन्ही आंखों को खोला होगा तो अपने को कुत्तों से घिरा पाया होगा। नाजुक नर्म शरीर में यहां वहां गड़ रहे नुकीले दांतों ने उस चोट के दर्द को दबा दिया होगा जो उस नवजात बच्ची को छत से कूड़े के ढेर में गिराए जाने पर लगी होगी। अगर वो बोल सकती तो उसकी शिकायत किससे पहले होतीं-

जन्म देने वाली मां से, जन्म के हिस्सेदार, मगर जिम्मेदारी से भागने वाले पिता से या उस समाज से, जो एक अविवाहित मां को इतना डरा कर रखता है कि वो अपनी ही कोखजाई की हत्यारिन बनने पर उतारू हो जाये।

रोंगटे खड़े करने वाली ये घटना बीते सोमवार, 17 जनवरी को हरियाणा राज्य के पानीपत जिले में घटी। पालोना को इसकी सूचना हरियाणा के पत्रकार श्री विनीत कुमार से मिली। इसके अनुसार, सोमवार सुबह 10-10.30 बजे के आसपास शिवनगर कॉलोनी में एक मजदूर महिला को कूड़े के ढेर पर नवजात बच्ची दिखाई दी। ये बच्ची घायलावस्था में थी।ये एरिया चांदनीबाग थाना क्षेत्र की कृष्णपुरा चौकी के अंतर्गत आता है।

एसएचओ महिपाल सिंह के मुताबिक, उन्हें पुलिस कंट्रोल रूम से सुबह सूचना मिली कि शिवनगर में लावारिस हालत में एक बच्ची मिली है। घटनास्थल पर पहुंच पुलिस ने बच्ची के उपचार के लिए उसे सरकारी अस्पताल में दाखिल करवा दिया। वहीं, इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी। आसपास के सभी सीसीटीवी कैमरा को खंगाला गया, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ।

बच्ची के दोषियों तक पहुंचाने में समाजसेवी और सजग नागरिक का अहम रोल

इस बीच, नारी तू नारायणी से जुड़ीं समाजसेविका श्री सविता आर्य जी ने भी अपने स्तर से बच्ची के परिजनों की खोज आरम्भ कर दी। उन्होंने भी कई कई घण्टे लगाकर सीसीटीवी फुटेज देखे, लेकिन उसमें कुछ ऐसा नहीं मिला, जिससे केस सॉल्व हो पाता। इसी में 3 दिन गुजर गए। तब गुरुवार, 20 जनवरी को उन्हें एक अनजान फोन आया, जिससे उन्हें बच्ची की मां तक पहुंचने का क्लू मिल गया।

NEWBORN BABY GIRL FOUND ON A TRASH IN PANIPAT, SIRF 02 GHANTE KI THI KUDE KE DHER PR MILI NAVJAT BACHCHI

क्या कहता है स्थानीय मीडिया

इस सम्बंध में भास्कर डॉट कॉम लिखता है-

गुरुवार दोपहर शिवनगर एरिया की एक महिला ने उन्हें कॉल किया और इस केस में कुछ बताने की इच्छा जताई। वह 10 मिनट में वहां पहुंच गई। महिला ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि जब कूड़े के ढेर के पास कोई नजर नहीं आया तो क्या बच्ची आसमान से गिरी है। सविता जी को महिला की इसी बात से क्लू मिल गया। वह कूड़े के ढेर से लगे मकान की छत पर पहुंची जहां सिर्फ एक कमरा बना था। 

कमरे में मौजूद लड़की ने अपनी उम्र 21 साल बताई और कहा कि वह फैक्ट्री में काम करती है। मगर 10 दिन से तबीयत खराब होने के कारण काम पर नहीं जा रही। जब उससे इलाज के कागज मांगे गए तो लड़की ने डॉक्टरों की कुछ पर्चियां दिखाईं। उन्हीं में गर्भावस्था के दौरान किए गए अल्ट्रासाउंड व एक्स-रे की रिपोर्ट भी थी। जब सख्ती से पूछा गया तो लड़की ने बच्ची को जन्म देकर लावारिस फेंकने की बात कबूल कर ली।

NEWBORN BABY GIRL FOUND ON A TRASH IN PANIPAT, SIRF 02 GHANTE KI THI KUDE KE DHER PR MILI NAVJAT BACHCHI

कौन है बच्ची का पिता

बच्ची के पिता के बारे में लड़की ने बताया कि प्रेमी के साथ शारीरिक संबंध बनाने के कारण वह प्रेग्नेंट हो गई। लड़की ने खुद को मेरठ का बताया और कहा कि प्रेमी से मुलाकात एक फैक्ट्री में हुई थी, जो जल्द ही अंतरंग सम्बन्धों में बदल गई। उन्हीं सम्बन्धों से बच्ची ने जन्म लिया, जिसे उसने घर में ही जन्म दिया और उसके बाद नवजात को हरे रंग के पॉलिथीन में डालकर अपने मकान की 12 फीट ऊंची छत से नीचे कूड़े के ढेर में फेंक दिया। फिलहाल लड़की पुलिस कस्टडी में है और मासूम नवजात अस्पताल में। 

पालोना की ये है सिफारिश

इस तरह के मामलों में अमूमन आईपीसी 317 का सेक्शन लगता है, लेकिन यहां बच्ची को केवल छोड़ने या त्यागने का ही मामला नहीं है, बल्कि यह उस निर्दोष बच्ची की जान लेने का प्रयास भी है। इसलिए इसमें आईपीसी 307 के साथ साथ, जेजे एक्ट 75 के सेक्शन भी लगना चाहिए। साथ ही ग्रिवियस हर्ट की धाराएं भी जुड़नी चाहियें। 

इस कानूनी शिकंजे से वह युवती आसानी से खुद को बचा सकती थी, यदि वह सरकार की सेफ सरेंडर पॉलिसी का सहारा लेती और अपने जिले के सीडब्ल्यूसी के समक्ष बच्ची को सरेंडर कर देती। 

ऐसा होने पर मासूम नवजात भी दर्द, तकलीफ, चोट और शॉक से बच जाती।

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