वह गोरी चिट्टी प्यारी सी बच्ची कोयले की कालिख से लिपटी बेसुध पड़ी थी। शरीर के ऊपरी हिस्से पर काले रंग की ड्रैस और सलेटी रंग का स्वेटर था और निचले हिस्से में सिर्फ एक लंगोट, जो उसके साथ हुई किसी बर्बरता की आशंका व्यक्त कर रहा था, क्योंकि उसकी जांघ का हिस्सा
क्रश किया हुआ नजर आ रहा था। घटना रामगढ़ के मांडू थाना क्षेत्र के कुजू ओपी स्थित कुजू रेलवे साईडिंग में कोयला लादने आयी यूसी आर यूसी के अंतिम चौथे डिब्बे संख्या एसईसी 0345 की है, जहां एक छोटी सी बच्ची का शव कंबल में
लिपटा मिला। पत्रकार श्री विकास साहू ने पा-लो ना को घटना की सूचना दी। सीनियर डीओएम साऊथ ईस्टर्न रेलवे, श्री नीरज मुखर्जी के सहयोग से घटना की विस्तृत जानकारी मिली। ट्रांस्पोर्ट इंस्पेक्टर विवेक कुमार और पत्रकार श्री अनुज
कुमार ने भी पा-लो ना को महत्वपूर्ण जानकारी मुहैया करवाई। इन सबसे मिली जानकारी के अनुसार, सीसीएल को कोयला लोड करने के लिए खाली रैक सप्लाई किया गया था, जो शुक्रवार दोपहर दो बजे के करीब वहां पहुंचा। कोयला लोडिंग से पहले
जब उसे चैक किया जा रहा था तो रेलवे के डोर क्लीनर सरहुल गंझू ने बच्ची को वहां देखा और तत्काल इसकी सूचना लोडिंग इस्पेक्टर उमेश प्रसाद को दी, जिन्होंने उसे वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाया। बच्ची के शव को वहां से उठाने के
लिए जीआरपी का 24 घंटे से भी ज्यादा समय तक इंतजार करना पड़ा। शनिवार शाम करीब पांच बजकर 20 मिनट पर जीआरपी ने बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पा-लो ना ने घटना के संदर्भ में कुछ प्रत्यक्षदर्शी पत्रकारों से भी
बातचीत की। इस बातचीत और बच्ची की तस्वीर व विजुअल के आधार पर कुछ शंकाओं ने जन्म लिया है, जैसे- 1) जीआरपी को घटनास्थल तक पहुंचने में 24 घण्टे क्यों लग गए? 2) प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ये हत्या है, लेकिन उन्हें ऐसा
क्यों लग रहा है? 3) प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक और फोटो से बच्ची किसी अच्छे परिवार की लग रही है। उसके शरीर के ऊपरी हिस्से पर अच्छे कपड़े हैं, इतनी ठंड के बावजूद पैरों में कोई पजामी आदि क्यों नहीं? 4) सचमुच बच्ची की
हत्या हुई है तो कारण क्या रहे- लड़की होना, कोई दुश्मनी (किडनैपिंग), ट्रेफिकिंग या कुछ और? 5) बच्ची के जांघ (थाई) के पास की स्किन संशय जगा रही है कि कहीं वह नन्ही सी बच्ची सेक्सुअल अब्यूज का शिकार तो नहीं हुई। प्रत्यक्षदर्शी
भी इस आशंका से इनकार नहीं कर रहे। इसकी पुष्टि के लिए बच्ची की तस्वीर एक फोरेंसिक एक्सपर्ट के पास भेजी गई थी और उनकी राय भी तस्वीर के आधार पर पा-लो ना व प्रत्यक्षदर्शियों से मिलती जुलती है। पा-लो ना ने महिला एवं बाल
विकास मंत्री श्रीमती मेनका गांधी, मुख्यमंत्री झारखंड श्रीमती रघुवर दास, समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लुईस मरांडी, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग, झारखण्ड बाल संरक्षण आयोग, झारखंड पुलिस और उपायुक्त रामगढ़ राजेश्वरी देवी जी
से अपील है कि वे इस संदिग्ध और जघन्य मामले का संज्ञान लें और बच्ची का पोस्टमार्टम एक्सपर्ट पैनल से करवाकर तत्परता से इस मामले की जांच करवाएं, ताकि सही तथ्य सामने आ सकें और बच्ची की इस हालत के दोषियों को किसी भी सूरत
में बख्शा नहीं जाए।
04 जनवरी 2019 रामगढ़, झारखंड (F)