रांची के कांके डैम इलाके में एक नवजात शिशु का शव मिला। बच्चे की खराब हालत देखकर मौके पर मौजूद लोगों का मन खराब हो गया। शव गल चुका था। घटना हथिया गोंदा या पतरा गोंदा क्षेत्र की है।
घरों में सफाई-बर्तन का काम करने वाली महिला मंजू ने बताया कि वह सड़क पर जा रही थी कि उसे कुछ महिलाओं द्वारा बच्चे का शव मिलने की जानकारी मिली। पूछने पर उन महिलाओं ने मंजू को बताया कि हथिया गोंदा या पतरा गोंदा इलाके में कांके डैम के पानी में एक नवजात शिशु का शव मिला है। शव मिलने के क्षेत्र और तारीख को लेकर मंजू को कन्फ्यूजन है। उसके मुताबिक, उपरोक्त दोनों में से किसी एक एरिया में 26 तारीख को रक्षा-बंधन पर्व के आस-पास किसी दिन मिला था। शव पूरी तरह से गल चुका था। शरीर का कोई भी हिस्सा छूने से वह अलग हो रहा था। बच्चे को उस स्थिति में देखकर मौजूद सभी लोगों का मन खराब हो गया। यह लड़की थी या लड़का, पता नहीं चल सका।
वे महिलाएं बच्चे की मां को कोस रहीं थीं। उनके मुताबिक, आजकल की लड़कियां अफेयर के चक्कर में पड़कर खुद को बचाने के लिए इन बच्चों की जान ले लेती हैं। इससे अच्छा तो वे बच्चे को किसी सुरक्षित स्थान पर छोड़ दें, जिससे उसे किसी को गोद दिया जा सके। इससे बच्चे का जीवन भी संवर जाएगा और किसी की गोद भी भर जाएगी।
वैसे पा-लो ना का मानना है कि यह स्टिलबर्थ या प्राकृतिक मौत का मामला भी हो सकता है, जिसमें शिशु को मृत्यु के बाद हिंदू रीति-रिवाजों के मुताबिक पानी में बहा दिया गया हो। हालांकि हम इस तरह से बच्चों को बहाने के खिलाफ हैं। हमारा स्पष्ट मानना है कि बच्चों को इस तरह बहाना नहीं चाहिए, न ही कहीं भी दफना देना चाहिए। बल्कि इसके लिए एक जगह सुनिश्चित होनी चाहिए और उनकी अंतिम क्रिया से पहले उनकी डीएनए सैंपलिंग की जानी चाहिए। बच्चों का अंतिम संस्कार इलेक्ट्रिक शव दाह गृह की मदद से भी किया जा सकता है।
24 अगस्त 2018 रांची, झारखंड (U)