एक स्वस्थ शिशु झाड़ियो में मिलता है, एक महिला उसे उठाती है, उसे दूध पिलाती है, अस्पताल ले जाने लगती है कि मुखिया पति उससे बच्चा छीन लेता है और फिर न जाने क्या होता है कि बच्चे की मौत की सूचना मिलती है। शक पैदा करने वाली यह घटना हजारीबाग के केरेडारी में 20 मार्च, मंगलवार की सुबह घटी।
स्थानीय पत्रकार ने पा-लो ना को बताया कि मंगलवार की सुबह करीब सात बजे एक महिला को केरेडारी में सड़क किनारे स्थित झाड़ियों में एक नवजात शिशु मिला। ऐसा लगता था कि उसका जन्म कुछ ही देर पहले हुआ हो। महिला ने बच्चे को वहां से उठा लिया। उसे दूध भी पिलाया। फिर वह उसकी जांच के लिए अस्पताल ले जा रही थी कि रास्ते में मुखिया के पति ने उससे बच्चे को छीन लिया।
इससे पहले महिला को बच्चा मिलने की सूचना आस-पास फैल चुकी थी, जिससे कई लोग उसे गोद लेने को लालायित थे। एक पत्रकार, जो खुद उस बच्चे को गोद लेना चाहते थे, उन्होंने बताया कि बच्चे को गोद लेने को लेकर स्थानीय लोगों में छीना-झपटी भी हुई थी। वे आपस में झगड़ रहे थे, लेकिन बच्चे की चिंता किसी को नहीं थी कि उसे अस्पताल ले जाएं। इसी के बाद शायद मुखिया पति बच्चे को छीनकर अपने साथ ले गया था, जिसके बाद बच्चे की मौत की सूचना मिली।
तब कहा गया कि सुबह सवेरे बच्चे को छोड़ दिया गया था, जिससे उसे ठंड लग गई थी। और उसी से बच्चे की मौत हो गई। हालांकि ग्रामीणों और मीडिया वालों का मानना है कि बच्चे को बचाया जा सकता था।
क्या इस घटना में हत्या की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। एक बच्चा, जो जिंदा मिलता है, पूरी तरह स्वस्थ मिलता है, फिर अचानक उसकी मौत व्यवस्था को संभालने वाले जिम्मेदारों में कोई शक क्यों नहीं पैदा करती।
ये घटना एक ऐसे मैकेनिज्म की आवश्यकता पर भी बल देती है, जिसके तहत नवजात बच्चे मिलने पर शीघ्रातिशीघ्र उन तक मेडिकल हैल्प पहुंचाई जा सके। पा-लो ना टीम ऐसे हर मामले में पुलिस से केस दर्ज करने और जांच-पड़ताल करने की अपील करती है। वहीं, आम नागरिकों से कहना चाहती है कि उनकी छोटी सी लापरवाही बच्चे की जान के लिए खतरे का सबब बन सकती है। इसलिए जब भी कोई नवजात शिशु कहीं परित्यक्त अवस्था में मिले तो सबसे पहले उसे मेडिकल केयर मुहैया करवाईए और उसके बाद अपने एरिया के थाने को यहां हमें सूचित कीजिए। बच्चे हमारा भविष्य हैं, इन्हें बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है।
20 मार्च 2018 हजारीबाग, झारखंड (M)