बारिश में भीगती रही, बिलखती रही नवजात
पत्थरों के नीचे मिली बच्ची के साथ जुड़ी थी गर्भनाल
24 अगस्त 2022, बुधवार, सतना, मध्यप्रदेश।
मोनिका आर्य
वो नवजात बच्ची बारिश में भीग रही थी। ठंड से कांंप रही थी। भूख प्यास से बिलख रही थी। लेकिन उसके करूण क्रंदन को सुनने वाला वहां कोई नहीं था। गर्भनाल उसके शरीर से अभी भी लगी हुई थी। उसे जन्म देते ही त्याग दिया गया था। बल्कि जिस हालत में वह मिली, ऐसा लगता है कि उसे मारने की चेष्टा की गई थी। न जाने कितने घंटों तक वह बच्ची उसी हालत में वहां जिंदगी की आस में लगातार अपनी मौत से लड़ती रही, उसे हराती रही।
यहां घटी घटना
पालोना को घटना की जानकारी सतना से मिली। गोपनीयता की शर्त पर उन्होंने बताया कि सतना के अस्पताल में भर्ती है चित्रकूट में मिली नवजात बच्ची। ये घटना सतना जिले के चित्रकूट के जंगल में बुधवार सुबह घटी। मझगवां थाना क्षेत्र के पतंगर गांव में एक नवजात बच्ची मिली है। बच्ची सुबह सवेरे मिली। रात भर बारिश होने की वजह से बच्ची गीली थी। बीएमओ ने अपनी टीम के साथ जाकर बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में फर्स्ट एड दी। उसकी गर्भनाल काटी। इसके बाद उसे जिला अस्पताल में रैफर कर दिया गया। बच्ची की स्थिति में सुधार के बाद उसे शिशु गृह में भेज दिया जाएगा।
स्थानीय मीडिया ने जो लिखा-
सतना जिले के चित्रकूट के जंगल से एक बार फिर ममता और मानवता के शर्मनाक चेहरे को बेनकाब किया है। यहां बारिश में झाड़ियों और पत्थरों के बीच एक नवजात भूखा और तड़पता मिला। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर वहां पहुंचे लोगों ने उसे उठाया। उन्होंने पुलिस को बुलाकर बच्चे को सौंप दिया।
बिना कपड़ों के पड़ा था नवजात
झाड़ियों के पीछे पत्थरों के बीच 1 नवजात बिना कपड़ों के पड़ा था। वह बारिश में भीगने से ठिठुर रहा था। संभवतः वह भूख-प्यास से भी तड़प रहा था। ग्रामीणों ने बच्चे को उठाया और सूखे कपड़े में लपेट कर मझगवां थाने को इसकी सूचना दी। पुलिस ने बच्चे को मझगवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा, जहां उसकी देखभाल की जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि रात के अंधेरे में किसी महिला ने जन्म देने के बाद नवजात को जंगल पत्थरों के बीच मे छोड़ दिया। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ प्रकरण कायम किया है।
नवजात को मिला मां का सहारा
ऐसे में मझगवां तहसील के एक दंपत्ति सामने आए हैं। जिनका नाम अरुण चौधरी पत्नी रेखा चौधरी निवासी मझगवां स्टेशन राज नगर नई बस्ती में बच्ची की लावारिस मिलने की सूचना मिलने पर वह मझगवां अस्पताल पहुंच गए, उन्होंने बताया कि उनके पास 2 बेटे हैं और बेटियां ना होने की वजह से उन्हें काफी समय से बेटी को गोद लेने का संकल्प ले रहे थे ऐसे में लावारिस बच्ची की सूचना पर दंपत्ति मझगवां अस्पताल से बच्ची को गोद लेने के लिए उसका उपचार कराने सतना जिला अस्पताल पहुंच गए, जहां दंपत्ति की माने तो शासन की पूरी प्रक्रिया के बाद वह बच्ची को गोद लेंगे।
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ये हत्या का प्रयास है – PaaLoNaa
पालोना को इन कारणों से लगता है कि ये बच्ची से छुटकारा पाने का नहीं, बल्कि उसकी हत्या का प्रयास था।-
- बच्ची के लिए किसी सुरक्षित जगह की बजाय उसे जंगल में छोड़ना।
- भारी बारिश के बीच पत्थरों के नीचे छोड़ना।
- उसके गले में काले रंग का रिबन या कपड़े जैसा कुछ बंधा होना, जैसे गला घोंटने की कोशिश की गई हो।
चित्रकूट में मिली नवजात बच्ची के इस मामले को सिर्फ 317 में ही नहीं, वरन 307 के तहत भी दर्ज किया जाना चाहिए। इसके अलावा जेजे एक्ट का सेक्शन 75 भी लगना चाहिए।