मात्र 4 घंटे पहले ही हुआ था बच्ची का जन्म
यह हत्या का प्रयास है, इसकी रोकथाम पर काम करना जरूरी- पालोना
15 October 2023, Jaunpur, UP
Shinescript Team
तस्वीर- साभार दैनिक भास्कर
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से एक मार्मिक घटना के बारे में पता चला है। रविवार की सुबह 8 बजे कुछ महिलाओं को एक गड्ढे से एक बच्चे के रोने की आवाज़ सुनाई पड़ी। पास जा कर देखने पर पता चला कि एक नवजात बालिका गले तक गोबर में दबी पड़ी थी। उसकी नाल की नमी से महिलाओं ने अनुमान लगाया कि उस बच्ची का जन्म कुछ घंटे पहले ही हुआ होगा। प्राथमिक चिकित्सा के बाद बच्ची को सीडब्लूसी के सुपुर्द कर दिया गया है।
तस्वीर- साभार अमर उजाला
कब, कहां, कैसे
ये घटना उत्तर प्रदेश के जिला जौनपुर के गांव उसरौली शहाबुद्दीनपुर में रविवार, 15 अक्टूबर 2023 की सुबह घटी। इस घटना के जानकारी पालोना को लखनऊ की खुशबू वत्स जी से मिली।
रविवार की सुबह करीब 7.30 से 8 के बीच में गांव की कुछ महिलाओं ने एक गड्ढे के पास किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनी। उन्होंने वहां झांककर देखा तो उन्हें गड्ढे के ऊपर बहुत सी झाड़ झंखाड़ और खरपतवार रखी नजर आई। उसे हटाकर जब महिलाओं ने गड्ढे में झांका तो उन्हें उसमें एक नवजात बच्ची गोबर में दबी दिखाई दी।
उन्होंने बच्ची को गड्ढे से बहार निकाला। उसकी गर्भनाल को देखकर ऐसा लग रहा था, मानो किसी ने उसे नोंचकर फेंका हो। नाभि पर कोई क्लिप भी नहीं लगा था।
क्या लिखता है स्थानीय मीडिया
बच्ची की सूचना मिलने पर आस्था फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. अरविन्द कुमार यादव और पूर्व प्रधान के पुत्र देवमणि यादव घटना स्थल पर पहुंचे। नजदीकी डॉक्टर से बच्ची का इलाज करवाया गया।
डॉक्टर ने उसे प्राथमिक चिकित्सा देने के बाद उसकी नाल को सही से काटा। गांव की ही निवासी कमलेश और सुमन को शुरुआती देखभाल के लिए बच्ची सौंप दी गई।
सरकार के संरक्षण में है बच्ची
जिला बाल संरक्षण अधिकारी विजय पांडेय के अनुसार, फिलहाल बच्ची सरकार के संरक्षण में है। सीडब्लूसी को बच्ची की सूचना देने के बाद बेहतर इलाज के लिए उसे जिला अस्पताल भेजा गया। ठीक होने के बाद उसे दत्तक ग्रहण इकाई (सा) मुग़लसराय चंदौली में भेज दिया जायेगा। कानून के मुताबिक कोई भी बच्चे को अपने से गोद नहीं ले सकता है। इस तरह के मामले में गैरकानूनी तरीके से गोद लेने वाले पर भी मुकदमा किया जा सकता है।
मुकदमा दर्ज
पुलिस अधीक्षक डॉ अजयपाल शर्मा के निर्देश पर पुलिस ने मंगलवार को बच्ची को छोड़ने वाले अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
पालोना का पक्ष
- इस मामले में आईपीसी 307, 317 और जेजे एक्ट के सेक्शन 75 के तहत मामला दर्ज होना चाहिए।
- पुलिस को त्वरित कार्यवाही करते हुए दोषियों तक पहुंचने की कोशिश करनी चाहिए। उनको सबके सामने लाना चाहिए, ताकि भविष्य के ऑफेंडर्स को चेतावनी मिले।
- सरकार को भी सुरक्षित समर्पण (सेफ सरेंडर) नीति के बारे में जागरूकता करनी चाहिए। इससे हर नागरिक को ये पता चलेगा कि यदि वो अपने बच्चे को पालने में समर्थ नहीं है या वो किन्ही कारणों से बच्चे को साथ रखने में विवश है तो उसे सुरक्षित सरकार को सौंप सकता है। ऐसा वो अपने जिले की बाल सरक्षण समिति के माध्यम से गोपनीय तरीके से कर सकता है।
- इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन को जिले में लगे हुए पालनों (Cradles) के बारे में भी लोगों को जानकारी देनी चाहिए।