वह नाले में बह रही थी, जब कुछ लोगों की नजर उस पर पड़ी। वे उसे बचाने के लिए दौड़ पड़े कि कहीं उसमें जान बाकी हो। एक बांस की मदद से उसे बाहर निकाला गया। कुत्ते उसकी तरफ लपके, पुलिस को फोन किया गया और बहुत देर इंतजार करने के बाद अंततः उसे दफना दिया गया। यह घटना स्वतंत्रता दिवस की सुबह रांची के हरमू स्थित मुक्तिधाम के नजदीक नाले के पास घटी।
पत्रकार श्री फहीम ने पा-लो ना को घटना की जानकारी देते हुए बताया कि एक नवजात शिशु का शव हरमू मुक्तिधाम के पास मौजूद नाले में बहता हुआ देख स्थानीय लोगों ने उसे वहां से निकाल लिया। लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम को बार-बार फोन किया और फहीम ने अरगोड़ा थाना प्रभारी को घटना की जानकारी दी। इसके बाद भी जब पुलिस नहीं पहुंची तो लोगों ने देर होते व जाम लगते देख बच्ची को मुक्तिधाम में ही दफना दिया। इसके लिए कफन मंगवाया गया, उसकी कब्र पर अगरबत्ती जलाई गई। इसके बाद भीड़ वहां से छंट गई।
पा-लो ना को ये सूचना मिलने के बाद हमने इस संबंध में थाना प्रभारी से बात की। इसके साथ-साथ एसएसपी रांची श्री अनीश गुप्ता और उपायुक्त श्री महिपत रे को घटना की जानकारी देते हुए इसकी जांच की अपील की। पा-लो ना की अपील का संज्ञान लेते हुए एसएसपी रांची ने अरगोड़ा थाना प्रभारी को जांच-पड़ताल का जिम्मा सौंपा। 16 अगस्त को मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में बच्ची के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया। इस मौके पर टीम पा-लो ना के अलावा रांची के पत्रकार भी मौजूद थे। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
पा-लो ना का मानना है कि शिशु किसी भी हालत में मिले, उसकी एफआईआर दर्ज होना कंपलसरी होना चाहिए, भले ही ये स्टिलबर्थ का मामला हो। जब तक मामले दर्ज नहीं होंगे, अपराधी स्टिलबर्थ की आड़ में नवजात शिशुओं के खिलाफ इस गुनाह को अंजाम देते रहेंगे।
15 अगस्त 2018 रांची, झारखंड (F)