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Home    इसका पोस्टमार्टम करने वाला कोई डॉक्टर नहीं था, बल्कि…

Latest News On Infanticide

इसका पोस्टमार्टम करने वाला कोई डॉक्टर नहीं था, बल्कि…

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उसका शव पोस्टमार्टम रूम के पास पड़ा था, सफेद कपड़े में लिपटा। कलाई पर पट्टी भी बंधी थी। उसका भी पोस्टमार्टम हो रहा था, लेकिन करने वाला कोई डॉक्टर नहीं, बल्कि उस एरिया के कुत्ते थे। यह वीभत्स नजारा बुधवार को कोडरमा के सदर अस्पताल में दिखाई दिया।

पत्रकार श्री कुंतलेश पांडे ने पा-लो ना को बताया कि किसी ने एक शिशु के शव को सदर अस्पताल, कोडरमा के पोस्टमार्टम रूम के समीप फेंक दिया था, जिसे कुत्ते नोंचकर खा रहे थे। यह लड़का था या लड़की, कहना और पता करना दोनों ही मुश्किल थे। आसपास के लोगों की नजर जब इस पर पड़ी तो उन्होंने कुत्तों को भगाया। उसी समय एकाएक बारिश होने लगी, जिससे लोग अपने घरों में चले गए।

जिला प्रशासन को घटना की खबर मिल चुकी थी। इसलिए कोडरमा अनुमंडल पदाधिकारी प्रभात कुमार बरदियार, कार्यपालक दंडाधिकारी संतोष कुमार, डॉक्टर रंजन कुमार आदि घटनास्थल पर पहुंचे। तब तक कुत्ते मृत नवजात शिशु को लेकर वहां से चले गए थे। खबर लिखे जाने तक जाँच प्रक्रिया जारी थी।

स्थानीय लोगों के हवाले से श्री पांडे ने बताया कि यह पहली घटना नहीं है, जब कुत्तों ने नवजात शिशु के शव को खाया हो। इससे पूर्व भी कई बार कुत्तों के मुंह में नवजात शिशु का हाथ, पैर, माथा आदि देखा गया है, लेकिन कभी कोई ऐसी पहल नहीं होती है, जिससे इन घटनाओं पर रोक लगे।

दरअसल, इन्हीं वीभत्स घटनाओं को रोकने के लिए पा-लो ना की शुरुआत हुई थी। हम एक ऐसी व्यवस्था देना चाहते हैं, जहाँ मृत नवजात शिशुओं की मृत्यु की स्थिति में परिजनों को उन्हें फेंकने के लिए बाध्य न होना पड़े। परिजन हों या अस्पताल या पुलिस, उन सबके लिए वह व्यवस्था उपयोगी होती, जो बच्चे के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया से बचना चाहते हैं। जानवरों के मुंह में भेजने से बेहतर है, इन नन्हें शवों के लिए एक व्यवस्था उपलब्ध करवाना।
11 अप्रैल 2018 कोडरमा, झारखंड (U)

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