वह एक बच्ची जरूर थी, लेकिन गोद में नहीं थी, बल्कि एक पॉलीथिन में पैक सड़क पर पड़ी थी। कमर से ऊपर का शरीर पॉलीथिन के अंदर था तो नीचे का हिस्सा बाहर आ गया था, जिसमें दो पतले नन्हे पांव भी शामिल थे। वह निरीह पड़ी थी सड़क पर और लोग उसके आस-पास से ऐसे गुजर रहे थे कि कहीं उन्हें कोई छूत न लग जाए। घटना राजस्थान के सवाई माधोपुर में बुधवार को घटी।
स्थानीय पत्रकार श्री ब्रजेश ने पा-लो ना को बताया कि सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय के समीप हमीरपुर की सीढ़ियों पर एक बच्ची का शव पड़े होने की सूचना कोतवाली पुलिस को किसी राहगीर से मिली थी। वह बच्ची सड़क पर पड़ी थी और उसका आधा शरीर पॉलीथिन में बंद था। पुलिस ने बच्ची के शव को उठा कर जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखवा दिया और अज्ञात महिला के खिलाफ केस भी दर्ज किया है। रिपोर्टर के मुताबिक यहां पूर्व में भी ऐसे मामले आ चुके हैं, लेकिन पुलिस ऐसे मामलों को रफा-दफा कर देती है।
बच्चों का शव मिलने पर इंडियन पीनल कोड की धारा 302, 315 व 318 के अलावा जेजे एक्ट 82 भी लगना चाहिए। लेकिन पुलिस अक्सर इन मामलों को या तो लापरवाही में या फिर जानबूझकर दर्ज ही नहीं करती। पा-लो ना पुलिस प्रशासन से अपील करती है कि किसी भी नवजात शिशु के मिलने पर उपयुक्त धाराओं में केस दर्ज किए जाने चाहिए।
09 मई 2018सवाई माधोपुर, राजस्थान (F)