सड़क पर मौजूद किसी थैले में यदि आपको कुछ हलचल दिखाई दे, तो घबराइयेगा नही, बल्कि उसे खोल दीजियेगा। हो सकता है, उसमें मौजूद प्राणी को आपका ये छोटा सा कदम जीवनदायी ऑक्सीजन दे दे और
उसके प्राण बच जाएं, जैसा कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ. लखनऊ के लोहिया पथ स्थित एचएएल में एक नवजात बच्ची को गुटखे के थैले में सड़क किनारे पाया गया. शनिवार सुबह मुकेश कुमार वर्मा
अपने बेटे अरुण को लेने बस स्टैंड जा रहे थे. उसी दौरान उन्होंने रोड पर पड़े थैले में अचानक हलचल देखी. उन्होंने जब पास जाकर थैला खोला तो उसमें मासूम को रोता पाया. पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाने के कारण
उसका पूरा शरीर नीला पड़ चुका था. उन्होंने तुरंत पास की पॉलीटेक्निक चौकी को सूचित किया. मौके पर कान्स्टेबल अनुराग पांडेय और घनश्याम राय पहुंचे और फ़ौरन बच्ची को लखनऊ के लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया.
मेडिकल सुपरिन्टेंडेंट ऑफ हॉस्पिटल एमएल भार्गव के अनुसार मासूम का वजन 2.6 किलो है. उसकी हालत अभी नाजुक बनी हुई है और उसे लगातार ऑक्सीजन दिया जा रहा है. डॉक्टरों के अनुसार नवजात की सेहत के
लिए अगले 48 से 72 घंटे अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. उधर बाल कल्याण समिति, लखनऊ ने बच्ची के स्वस्थ होने के बाद उसे प्रागनारायण रोड स्थित राजकीय बाल गृह शिशु के हवाले करने का निर्णय लिया है.
07 अक्टूबर 2017 लखनऊ, उत्तर प्रदेश (F)