वह कोई गुड़िया नहीं थी, फिर भी गत्ते के एक डिब्बे में पैक करके वहां फेंक दी गई थी। कुछ राहगीरों की नजर उस डब्बे पर पड़ी और पुलिस को बुलाया गया। घटना सरायढेला थाना क्षेत्र के सुगियाडीह के रास्ते पर घटी।
स्थानीय पत्रकार श्री बिभाष और पुलिस के मुताबिक, सरायढेला से गोविंदपुर जाने वाली रोड के नजदीक एप्रोच रोड पर गत्ते का एक डिब्बा पड़ा था। त़ड़के सुबह कुछ लोगों की नजर उस पर पड़ी तो उन्होंने उसे खोला। उसमें बच्ची का शव देखकर सब भौंचक्के रह गए। यह खबर धीरे-धीरे पूरे क्षेत्र में फैल गई और पुलिस तक भी पहुंच गई। थाने की एएसआई ममता कुमारी अपनी टीम के साथ घटनास्थल पहुंची और उसे कब्जे में ले लेकर उसका पोस्टमार्टम करवाया, जिससे पता चला कि बच्ची की मौत डिलीवरी से पहले ही हो गई थी। इस घटना को अंजाम देने वाले को ढूंढने की कोशिश भी की गई, जो नाकाम रही। ममता कुमारी के मुताबिक, जिसने भी यह काम किया है, वह काफी शर्मनाक है।
स्थानीय लोग हमेशा की तरह इस बार भी सवाल या तो जन्म देने वाली मां पर लगा रहे हैं, या फिर अविवाहित रिश्ते पर। जबकि पा-लो ना की अब तक की रिसर्च में ये बात सामने आई है कि गत्ते के डिब्बे में मिलने वाले बच्चे या तो किन्हीं संस्थाओं के होते हैं, या फिर हॉस्पिटल में जिन बच्चों की मौत हो जाती है, उन्हें इस तरह डिस्पॉज ऑफ किया जाता है। मगर इस मुद्दे पर जागरुकता का अभाव और सही तफ्तीश की कमी गलत कयासों को जन्म देती है।
24 जनवरी 2018 सरायढेला, धनबाद (F)