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खेत मालिक नहीं थे नवजात देने को तैयार, पुलिस की लेनी पड़ी मदद
28 जुलाई 2022, गुरुवार, हरदोई, उत्तर प्रदेश।
हरदोई में गन्ने के खेत में एक दिन का नवजात शिशु (लड़का) मिला। खेत के मालिक ने बच्चे को पालने के इरादे से अपने पास ही रख लिया। वह बच्चे को देने को तैयार नहीं थे। किसी तरह उनसे बच्चे को लेकर चाइल्ड लाइन टीम ने जिला अस्पताल में एडमिट करवाया। तीन दिन अस्पताल में इलाज के बाद बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया गया है। जल्द ही उसे लखनऊ की एडॉप्शन एजेंसी में भेज दिया जाएगा।
पालोना को घटना की सूचना गूगल सर्फिंग के दौरान मिली। इसके बाद हरदोई चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक श्री अनूप तिवारी से संपर्क किया गया। उन्होंने बताया कि टडियावा थाना क्षेत्र के जगरौली गांव में बच्चा सुबह 09-10 बजे के आसपास श्री सुरेश चंद्र पांडे के खेत में मिला था। श्री पांडे ने उसे पालन पोषण के इरादे से अपने पास रख लिया था। चाइल्ड लाइन को दोपहर को सूचना मिली तो टीम ने पुलिस की मदद से बच्चे को उनसे ले लिया और उसे लाकर जिला अस्पताल में एडमिट करवाया।
Mr. Anoop Tiwari, District Coordinator, Childline Hardoi, UP
हरदोई जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर टडियावा पुलिस स्टेशन है। उसके अंतर्गत आने वाले गांव जगरौली में गन्ने के खेत में नवजात शिशु मिला है। सुरेश चंद्र पांडे के गन्ने के खेत में सुबह 09-10 बजे के आसपास बच्चा मिला था। वे उसे लेकर घर चले गए। उन्होंने सोचा कि उसे पाल लेंगे। आसपास वालों में से किसी ने समझाया कि बच्चे को टीका वगैरह लगवाया जाए। तब वे नवजात को अस्पताल लेकर गए।
जब संतोष नामक व्यक्ति ने बच्चे को अस्पताल (सीएचसी) में एडमिट करवाया, तब हमें वहां से दोपहर 12.50 पर सूचना मिली थी बच्चे की। हमारी टीम 15-20 मिनट में ही वहां पहुंच गई। वहां बच्चे को वो देने को तैयार नहीं थे। काफी दिक्कत हुई। पुलिस को बुलाना पड़ा।
एक दिन पहले ही हुआ होगा जन्म
किसी तरह उन्हें समझा कर बच्चे को वहां से लेकर आए। दोपहर दो बजे के करीब जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू में उसे एडमिट करवा दिया गया। हमारे यहां बिना एक क्षण की देरी किए बच्चे को सीधे अस्पताल ले जाया जाता है।
डॉक्टर के मुताबिक, बच्चे का जन्म एक दिन पहले रात को ही हुआ होगा। उसका वजन 2.800 किलोग्राम है। हमारे ऑफिस के बगल में ही अस्पताल में है। बीच बीच में हमारी टीम जाकर वहां देखती रही। करीब तीन दिन बच्चे को एडमिट रखने के बाद 01 अगस्त को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। जल्द ही उसे लखनऊ के स्पेशल एडॉप्शन होम मुंशी लीलावती बाल गृह में उसे भेजा जाएगा।
– श्री अनूप तिवारी, जिला समन्वयक, चाइल्ड लाइन, हरदोई, उत्तर प्रदेश।
ये राहत की बात है कि गन्ने के खेत में मिला शिशु पूरी तरह स्वस्थ है। पालोना की अपील है कि यदि कभी कोई नवजात शिशु लावारिस अवस्था में मिले तो उसे सबसे पहले निकटवर्ती अस्पताल ले जाएं। जब तक वहां बच्चे को इलाज मिले, तब तक अपने जिले की बाल कल्याण समिति या चाइल्ड लाइन (टॉल फ्री 1098) पर संपर्क करें। यदि इन दोनों से संपर्क न हो पाए तो अपने क्षेत्र के पुलिस थाने में बच्चे की सूचना दें।