डूबती उतरती साँसों के बीच दो दिन की बच्ची के मोहक रूप पर दुनिया वारी जा रही है, मगर उसकी आंखें इस भीड़ में अपनी माँ को तलाश रही हैं शायद, या उन हाथों को, जिन्होंने उसे मां की गोद से उठाकर कूड़े के ढेर पर डाल दिया। वह गुरूवार सुबह भगतपुर थाना क्षेत्र में हरचंद गांव के कांवेंट स्कूल के पास झाड़ियों में पड़ी मिली।
पत्रकार श्री प्रेमपाल एवं चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के श्री गुलजार अहमद ने पा-लो ना को बताया कि बच्ची बच्ची को झाड़ियों में पड़ा देख पहले पहल यकीन ही नहीं होता था कि कोई ऐसा भी कर सकता है। देखने वाले स्तब्ध थे। लेकिन फिर वे सम्भले और उन्होंने 100 नंबर पर पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसके बाद पीआरवी 285 घटनास्थल पर पहुंची और पुलिसकर्मियों ने बच्ची को साफ कपड़ों में लिया। उसे फौरन ज़िला अस्पताल ले जाया गया, जहां सीएमएस डॉक्टर कल्पना सिंह की विशेष निगरानी में उसे रखा गया।
डॉक्टर कल्पना के हवाले से उन्होंने बताया कि शुरूआत में बच्ची को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। लेकिन इलाज शुरू होने के कुछ देर बाद बच्ची रिस्पांस देने लगी और अब वह ठीक है। डॉ के मुताबिक एक-दो दिन पहले जन्मी इस बच्ची का वजन महज दो किलो है। फ़िलहाल बच्ची के स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जा रही है। उधर, पुलिस ने बच्ची के परिजनों की तलाश के लिए कोशिश तेज कर दी है। इससे पहले फरवरी माह में भी एक बच्ची कूड़े के ढेर पर मिली थी, जो अच्छे घर की प्रतीत होती थी और उसका नाम परी रखा गया था। उसे शिशु गृह में भेजने के बाद चाईल्ड वेलफेयर कमेटी की एक सदस्या को बच्ची के नाम पर किसी अनजान नंबर से धमकी भी मिली थी। उस बच्ची के बारे में भी अभी तक कुछ विशेष पता नहीं चल पाया है।
टीम पा-लो ना को लगता है कि यह कन्या शिशु का मामला हो सकता है। बच्ची को यदि एक-दो दिन तक अपने पास रखकर फिर उसका परित्याग किया गया है तो इसी की प्रबल आशंका होती है। पुलिस यदि ईमानदारी से तहकीकात करे तो सच्चाई सामने आ सकती है। पा-लो ना को ये भी लगता है कि यदि बच्ची के परिवार को उसे सरेंडर करने के विकल्प के बारे में पता होता तो शायद वह बच्ची का परित्याग कर उसका जीवन खतरे में डालने की बजाय उसे सुरक्षित किसी अधिकारी को सौंप देते।
पा-लो ना उत्तर प्रदेश सरकार से अपील करती है कि वह राज्य में जगह-जगह पालने लगवाए और उनका सम्यक प्रचार-प्रसार भी करे, ताकि किसी मजबूरी में परिवार बच्चों को छोड़ने की बजाय सौंपने का विकल्प चुनें। सरकार के ऐसा करने पर बच्चों का जीवन बचाने में निश्चित तौर पर मदद मिलेगी।
09 अगस्त 2018 मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश (F)