ये दीपावली की शाम थी, जब मां लक्ष्मी के एक बाल रूप के झाड़ियों में पड़े होने की सूचना मिली। बच्ची को लोगों की भीड़ ने घेर रखा था। उसे गोद लेने को दसियों हाथ वहां आतुर थे, लेकिन कोई उसके इलाज के बारे में नहीं सोच रहा था। चाईल्डलाईन की टीम को बच्ची तक पहुंचने नहीं दिया जा रहा था। घटना हजारीबाग के सदर थाना क्षेत्र के अंतर्गत कार्मल चौक स्थित शिव मंदिर के पास घटी।
चाईल्ड एक्टिविस्ट श्री संजय कुमार ने पा-लो ना को बताया कि चाईल्डलाईन को फोन आया था कि संत कोलंबस कॉलेज के पीछे एक बच्ची मिली है। बच्ची एक बोरे में बंद थी। चाईल्डलाइन जब वहां बच्ची को लेने पहुंची तो लोगों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया। वे सब बच्ची को गोद लेना चाहते थे। वे टीम को मारने पीटने पर उतारू हो गए।
आयोग की अध्यक्ष श्रीमती आरती कुजुर ने भी घटना का संज्ञान लिया और हजारीबाग जिलाधिकारी और एसपी को बच्ची को रिकवर करने के निर्देश दिए। जिसके बाद पुलिस की मदद से भीड़ से बच्ची को निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। बच्ची फिलहाल सदर अस्पताल के एनआईसीयू में इलाजरत है। बच्ची को इन्फेक्शन है और निमोनिया होने की भी आशंका है। पहले दिन बच्ची को सांस लेने में दिक्कत थी, तब ऑक्सीजन मास्क लगाने की जरूरत पड़ी थी, लेकिन अब वह काफी हद तक स्वस्थ है।
पा-लो ना श्री संजय कुमार की शुक्रगुजार है कि उन्होंने त्वरित गति से निर्णय लेते हुए बच्ची के भीड़ में फंसे होने की जानकारी दी और आयोग के दखल के बाद पुलिस की मदद से बच्ची को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया।
07 नवंबर 2018 हजारीबाग, झारखंड (F)