23 FEBRUARY 2018, DELHI, NCR
वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी और मात्र 25 दिन की थी, जब उसकी मां ने उसे कूड़ाघर में फेंक दिया। जरा ज्यादा ही जोर से फेंका गया होगा, इसलिए उसके सिर पर लगी गहरी चोट ने उसकी जान ले ली। घटना दिल्ली के पूर्वी विनोद नगर में शुक्रवार देर शाम घटी।
स्थानीय पत्रकार श्री राजन शर्मा ने घटना का ब्यौरा देते हुए बताया कि पूर्वी विनोद नगर की गली नंबर 5 में सौरभ तिवारी, अपनी पत्नी नेहा और बच्ची के साथ रहते थे। नेहा की डिलीवरी के समय उनकी मां भी वहां उनके साथ रहने आ गईं थीं, ताकि बच्ची की देखभाल ठीक से हो सके।
फिर शुक्रवार की देर शाम जब सौरभ और उनकी मां बच्ची के लिए कुछ सामान लेने मार्केट गए थे, उसी समय नेहा ने बच्ची को उठाया और घर के पास मौजूद डस्टबिन में फेंक आई। जब सौरभ और उनकी मां घर लौटे तो नेहा ने बच्ची के गायब होने की बात कही और उनके साथ ही बच्ची को ढूंढने का नाटक भी किया। पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस ने खोजबीन की तो रात करीब साढ़े नौ बजे घर के पास स्थित कूड़ाघर से बच्ची मिल गई। बच्ची को घायल देख तुरंत उसे लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से बच्ची को जीटीबी अस्पताल रैफर कर दिया गया। यहीं बच्ची की मौत हो गई।
जांच-पड़ताल के दौरान एक किशोर वय के लड़के ने पुलिस को बताया कि उसने लाल रंग की नाईटी पहले एक महिला को लगभग उसी समय उस डस्टबिन के पास देखा था। दरअसल नेहा ने भी लाल रंग की नाईटी पहन रखी थी, जब पुलिस ने उनसे बच्ची को लेकर पूछताछ की थी। यही नेहा के खिलाफ सबूत बन गया। पुलिस पुछताछ में नेहा ज्यादा देर अपने झूठ पर कायम नहीं रह सकी और टूट गईं। नेहा को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया है।
पुलिस को दिए अपने बयान में नेहा ने कहा कि वह और सौरभ बच्ची को पाकर बहुत खुश थे। लेकिन जब बच्ची रोती तो सौरभ की मां बहुत ताने देतीं। कहतीं कि बच्चे पैदा करना आता है, पालना नहीं। सौरभ भी मां का ही साथ देते। शुक्रवार को भी दोनों के बीच काफी झगड़ा हुआ था, जिसके बाद वह काफी देर तक कमरा बंद करके रोती रही थी। सौरभ उससे बात तक करने नहीं आए। क्रोध और दुख के उन्हीं क्षणों में उसने बच्ची को डस्टबिन में फेंक दिया।
दिल्ली की ये घटना जबलपुर में चार साल पहले हुए आरोही हत्याकांड की याद दिलाती है, जहां इसी तरह बड़े बच्चे की परवरिश में कमी महसूस करके नन्ही आरोही की मां ने उसे करीब के ही एक नाले में फेंक दिया था और घर आकर बच्ची के गायब होने का शोर मचाया था। बाद में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर वह पकड़ी गई थी और 2017 में उन्हें सजा भी हुई।
नेहा के गुनाह का दंड भी कानून जरूर देगा, लेकिन इस तरह की घटनाएं हमें ये अहसास कराती हैं कि बच्चे का जन्म होने पर सिर्फ बच्चे को ही नहीं, बल्कि उनकी मां को भी पर्याप्त देखभाल और प्यार की जरूरत होती है। इसलिए उनका भी ध्यान रखा जाना चाहिए। बच्चे की देखभाल का सारा भार मां पर ही डाल देना और पहले से ही भावनात्मक परेशानियों से जूझ रही महिला को हर बात के लिए जिम्मेदार ठहराना बिल्कुल उचित नहीं है।
23 फरवरी 2018 दिल्ली (F)