पॉलीथिन में पैक वह शिशु छठ तालाब के पानी में किनारे ही लगा था कि लोगों की नजर उस पर पड़ गई। वह औंधे मुंह था। उसके आस-पास गंदगी बिखरी थी। घटना हजारीबाग के टाऊन थाना क्षेत्र के अंतर्गत छठ तालाब में रविवार की अहले सुबह घटी।
घटना की सूचना पत्रकार श्री रोहित ने पा-लो ना को दी। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने सुबह-सुबह एक नवजात लड़के को छठ तालाब के पानी में तैरते हुए देखा। लोगों का कयास था कि किसी मां ने अपने गलत रिश्ते को छुपाने के लिए ही बच्चे को मार कर तालाब में फेंक दिया होगा।
इस पर जब पा-लो ना ने हजारीबाग के सीनियर पत्रकार श्री उमेश प्रताप से बात की तो उन्होंने पता करके बताया कि छठ तालाब के पास कुछ नर्सिंग होम्स हैं, जिनमें से एक में शनिवार को जन्म के दौरान एक बच्चे की मौत हो गई थी। दरअसल वहां उस दिन दो महिलाएं पहुंची थीं, जिनमें से एक ने मृत शिशु को जन्म दिया। हॉस्पिटल स्टाफ ने जब उनसे बच्चे की अंतिम क्रिया के संबंध में बात की तो उन्होंने बच्चे को अपने घर ले जाने की बात कही। इसके बाद महिलाएं वहां से चली गईं। आशंका है कि ये बच्चा उन्हीं महिलाओं का वही मृत बच्चा है।
उपरोक्त तथ्यों के आलोक में पा-लो ना को लगता है कि अस्पताल स्टाफ ने शिशु की अंतिम क्रिया को लेकर उनसे कुछ पैसे की मांग की होगी, जिसे टालने के लिए उन्होंने बच्चे को वहां से ले जाने को कहा और घर जाते हुए बच्चे छठ तालाब में छोड़ गए। स्टिलबोर्न बच्चों का मामला भी एक गंभीर मुद्दा है, जिस पर ध्यान देने के और इसका विकल्प तलाशने की जरूरत है। इसके लिए नीति बनाने की जरूरत है। इस मामले में प्रथम दृष्ट्या आईपीसी सेक्शन 318 के तहत केस दर्ज कर जांच-पड़ताल होनी चाहिए।
30 दिसंबर 2018 हजारीबाग, झारखंड (M)