पैदा होते ही अमानवीय तकलीफों से गुजरी नवजात बच्ची
नवजात को काट रहीं थीं चींटियां, नाभि में पड़ गए थे कीड़े
24 NOVEMBER 2022, THURSDAY, CHAKRADHARPUR, JHARKHAND.
कभी-कभी लोग इतने क्रूर हो जाते हैं कि इंसान और दानव के बीच का अंतर ही भूल बैठते हैं। चक्रधरपुर में पिछले दिनों जो हुआ, वह उसी का परिचायक है। यहां एक नवजात मासूम को पैदा होते ही अमानवीय तकलीफों से गुजरना पड़ा।
क्या हुआ
घटना बंदगांव प्रखंड के कराईकेला थाना क्षेत्र के लांडूपोदा पंचायत अंतर्गत राज विजयपुर और रायबेडा गांव के बीच घटी। यहां सुनसान जगह पर केनाल के किनारे झाड़ियों में नवजात मासूम मिली। 8-9 साल का एक बच्चा उस तरफ निकला था कि उसे बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी।
उसने बच्ची को देखा और इसकी जानकारी वहां से गुजर रहे कुछ लोगों को दी। ये लोग धान काटने खेत में जा रहे थे। पंचायत मुखिया श्री कुश पुर्ती और सुमिता होता फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री सदानन्द होता को भी घटना की सूचना मिली। श्री होता और मुखिया केनाल पहुंचे और बच्ची को झाड़ियों से निकाला। नवजात मासूम के शरीर में सब तरफ चींटियां चल रहीं थी। ये उसे काट रहीं थीं। यही नहीं, उसके नाभि के आसपास सफेद रंग के कीड़े भी चल रहे थे। बच्ची को ईलाज के लिए कराईकेला अस्पताल ले जाया गया।
वहां अस्पताल में व्यवस्था नहीं होने के कारण नवजात को चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया। यहां उसे कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती कराया गया। बाद में कराईकेला थाना के माध्यम से चाईल्ड लाइन को जानकारी मिली और वे बच्ची को सदर अस्पताल ले गए।
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मुख्य बातें
पालोना को इस घटना की सूचना चाईबासा के चाईल्ड राईट एक्टिविस्ट व झारखंड बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्री विकास दोर्दाजका से मिली। उन्होंने फोन पर बच्ची के मिलने की जानकारी पालोना से साझा की। इसके बाद चक्रधरपुर के पत्रकार श्री राहुल गांगुली व बच्ची को बचाने वाले श्री सदानंद होता से संपर्क किया गया और घटना के संबंंध में पूरी जानकारी एकत्रित की गई। इस पूरी जानकारी को इस वीडियो के जरिए जाना जा सकता है।
पालोना का पक्ष
- बच्ची को इतने तकलीफ भरे हालात से गुजारने से अच्छा था कि वे बच्ची को झाड़ियों के बजाय किसी सुरक्षित स्थान पर छोड़ते।
- वे बच्ची को सीडब्लूसी को सरेंडर करते तो सर्वोत्तम होता। उसे तुरंत मेडिकल केयर मिल जाती और चींटियों व कीड़ों से भी बच जाती।
- इस मामले में चक्रधरपुर पुलिस को आईपीसी 317, 307 और जेजे एक्ट सेक्शन 75 के तहत तत्काल केस दर्ज करना चाहिए। ये वस्तुतः उस बच्ची की जान लेने की कोशिश थी।
मालूम हो कि पिछले दिनों भी पश्चिमी सिंहभूम जिले में एक बच्चा बोरे में झाड़ियों में मिला था।