क्या हुआ –
एक नवजात बच्ची का शव बोरदा पुल के पास पानी में तैर रहा था। उसके साथ गर्भनाल भी लगी
थी। उसका चेहरा और पूरा शरीर फूला हुआ था। यह सड़ने लगा था। बच्ची की स्थिति उसकी हत्या
का अंदेशा जता रही है। इसकी तह तक पहुंचने के लिए पालोना ने घटना के संबंध में कई
संबंधित लोगों के अलावा मेडिकल फील्ड के एक्सपर्ट्स से भी बात की, जिससे इस अंदेशे को
बल ही मिलता है। पालोना को घटना की जानकारी चाईल्ड एक्टिविस्ट श्री बैदनाथ व सोशल
एक्टिविस्ट श्री ऋषभ आनंद से मिली।
सरकारी पक्ष –
“सुबह फोन पर सूचना मिली थी घटना की। प्रत्यक्षदर्शियों
का कहना था कि कई बार बच्चे की सामान्य मौत के बाद भी शव को पानी में बहा दिया जाता है।
यह एक ल़ड़की थी, जिसकी गर्भनाल साथ ही लगी थी। उसका शव एक-दो दिन पुराना नजर आ रहा था।
चक्रधरपुर में पोस्टमार्टम की सुविधा नहीं होने की वजह से शव को एमजीएम जमशेदपुर भेज
दिया गया है। चार-पांच दिन में रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु के कारण तक पहुंचा जा
सकेगा। फिलहाल यूडी में मामला दर्ज किया है” – श्री गोपीनीथ तिवारी, ओसी, थाना
चक्रधरपुर
“ऐसा लगता है कि डिलीवरी घर पर हुई होगी, वरना गर्भनाल
कटी हुई होती और उस पर क्लिप भी लगा होता। ये बहुत अफसोसनाक बात है कि हमारे बीच आज भी
ऐसे लोग हैं, जो अपने बच्चों के साथ इतना गलत व्यवहार कर रहे हैं” – डॉ वैशाली निगम,
स्पेशल केयर यूनिट इंचार्ज, मध्य प्रदेश
“डेड ब़ॉडी में पानी नहीं जा सकता” – फोरेंसिक
एक्सपर्ट (नाम नहीं देने की शर्त पर)
पा-लो ना का पक्ष –
इस घटना को सामान्य घटना मानने से कुछ तथ्य रोक रहे हैं –
बच्ची के साथ लगी गर्भनाल, जो आमतौर पर स्टिलबर्थ के
मामलों में भी काट दी जाती है।
बच्ची के शरीर का फूला होना। ऐसा तभी हो सकता है, जब
बच्ची को जिंदा ही पानी में डाला गया हो।
संशय को कन्फर्म करने के लिए पालोना ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट
से बात की तो अंदेशा सही निकला। फॉरेंसिक एक्सपर्ट का मानना भी यही है कि डेड बॉडी को
पानी में डालने पर वह नहीं फूलती। ऐसा जिंदा लोगों के साथ होता है।
गर्भनाल का लगा होना इस बात का संकेत है कि उसकी हत्या
में शायद बच्ची की मां भी शामिल है। ऐसा करने के पीछे क्या मजबूरी या मंशा थी, यह तभी
पता चलेगा जब इसकी जांच सही तरीके से हो और पुलिस दोषियों तक पहुंच पाए। मां के साथ और
कौन कौन लोग इसमें संलिप्त हैं, ये जानना भी बहुत जरूरी है।
प्रथम दृष्ट्या पुलिस को इसमें आईपीसी 318 के तहत मामला
दर्ज करना चाहिए था।
इसलिए पालोना झारखंड सरकार व वेस्ट सिंहभूम जिला और पुलिस प्रशासन से इस घटना की गहन
जांच पड़ताल की अपील करता है। अगर यह हत्या है तो इस मासूम के हत्यारों को सामने लाया
जाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि भविष्य के अपराधियों में पकड़े जाने का डर हो और इन घटनाओं
को रोका जा सके।
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19 September, 2019 Chakradharpur, Jharkhand (F, D)