क्या हुआ –
उसके शरीर से लगी गर्भनाल और खून ने चींटियों को अपनी तरफ आकर्षित कर लिया था। जब
राहगीरों ने शिशु को देखा तो उसके शरीर से चींटियां चिपकी थीं और उसे काट रही थी। यह
घटना सोमवार तड़के करीब पांच-साढ़े पांच बजे मुफस्सिल थाना, चास के अंतर्गत कालापत्थर
के गोमदीडीह गांव जाने वाली सड़क पर बंद पड़े मूक बधिर विद्यालय के पास घटी, जहां एक
नवजात बच्चे को जन्म लेते ही सीमेंट के बोरे में डालकर छोड़ दिया गया था। राकेश कुमार,
पिंटू रजक व जमील अंसारी ने उसके रोने की आवाज सुनी तो मौकास्थल पर पहुंचकर बच्चे को
थैले में से निकाला।
उन लोगों ने चींटियों को हटाकर उसे एक निजी नीलम नर्सिंग होम में प्राथमिक चिकित्सा
दिलवाई और स्थानीय थाने को सूचना दी। जल्दी ही थाना प्रभारी नूतन मोदी और बाल कल्याण
समिति अध्यक्ष डॉ. विनय योग बच्चे के पास पहुंचे और उसे बेहतर इलाज के लिए बोकारो जनरल
हॉस्पिटल में एडमिट करवाया।
सरकारी पक्ष –
मुफस्सिल थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नूतन मोदी ने पालोना को बताया कि इस मामले में अभी तक
कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। उन्होंने पालोना से संबंधित धाराओं के बारे में पूछताछ
की और सीनियर अधिकारियों के निर्देश के बाद केस दर्ज करने की बात कही।
पा-लो ना का पक्ष –
शिशु की तस्वीरें और वीडियो क्लिप देखने से पालोना को लगता है कि यह शिशु या तो बहुत
गरीब परिवार का होगा या अविवाहित मां की संतान होगा। उसकी गर्भनाल काटे बिना चिथड़ों
में लपेट कर सीमेंट के बोरे में डालकर उसे त्यागने से ऐसा ही आभास होता है। वीडियो
क्लिप में जैसा व्यवहार उस बच्चे के साथ किया जा रहा है, वह भी आपत्तिजनक है। पालोना को
महसूस होता है शिशु हत्या और परित्याग के मुद्दे पर व्यापक जागरुकता और संबंधित विभागों
और अधिकारियों में ट्रेनिंग का अभाव है, जिसकी तरफ सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।
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05 June, 2019 Bokaro, Jharkhand (M, A)