चार घंटे पहले जन्मी थी नतनी, नहर में डालते नहीं कांपे नानी के हाथ
Direct Infanticide की ये घटना चौंका देने वाली है – पालोना
19 October 2023, Bikaner, Rajasthan.
Shinescript / Srishti
बीकानेर में एक नहर से नवजात बच्ची का शव मिला। इस बच्ची के हाथ पर एक tag लगा था, जो किसी अस्पताल का था। इसी टैग के सहारे पुलिस बच्ची के हत्यारोपियों तक पहुंच गई। और फिर जो हकीकत सामने आई, वह दहला देने वाली थी।
कब, कहां, कैसे
19 अक्टूबर 2023 को बीकानेर के जामसर इलाके में एक नवजात बच्ची का शव बरामद हुआ था। यह शव कंवरसेन लिफ्ट से 20 किलोमीटर दूर 13 आरडी नहर में मिला था। जांच में सामने आया कि बच्ची की हत्या उसके जन्म के चार घंटे के अंदर ही कर दी गई थी। इस घटना की जानकारी पालोना को दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार श्री दिवाकर वत्स जी से मिली।
टैग ने खोला हत्या का राज
खारी निवासी पद्मा ने 15 अक्टूबर 2023 की सुबह करीब 08 बजे इस बच्ची को पीबीएम अस्पताल में जन्म दिया था। 19 अक्टूबर की सुबह बच्ची का शव 04 दिन तक पानी में रहने की वजह से बच्ची का शरीर फूल गया था। वह मिट्टी और काई से सना था।
बच्ची के हाथ पर अस्पताल का टैग लगा था। यही टैग पुलिस को उसके परिवार वालों तक ले गया। उन्होंने अपराधियों को तुरंत ही गिरफ्तार कर लिया। बच्ची की हत्या का आरोप उसकी नानी और उनके दो रिश्तेदारों पर लगा है। नानी ने अपना अपराध कबूल भी कर लिया है।
20 अक्टूबर को पुलिस ने प्रसूता की मां खारी निवासी राधा देवी, प्रसूता के चाचा काशीराम और राधा के समधी श्रीडूंगरगढ़ के बिग्गा निवासी सुरेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।
क्या कहती है स्थानीय पुलिस
जामनगर थाने के एसएचओ इंद्र कुमार के अनुसार, थानाक्षेत्र में रहने वाली पद्मा का विवाह खाजूवाला निवासी राहुल संग हुआ था, पर गौना नहीं हुआ था। इसी वजह से उसकी माँ राधा देवी ने लोकलाज के कारण अपनी दोहिती (नतनी) को जन्म के बाद नहर में डाल दिया। यही नहीं, उसने अपनी बेटी पद्मा को बताया कि बच्ची मरी हुई पैदा हुई थी।
इस मामले में पुलिस ने आईपीसी धारा 302 के तहत रिपोर्ट दर्ज की है।
क्या लिखता है स्थानीय मीडिया
19 अक्टूबर की इस घटना ने सबको चौंका दिया है। प्रसूता की माँ राधा देवी ने पुलिस को बयान दिया कि बच्ची का जन्म होते ही उसकी माँ पद्मा को बेहोशी की हालत में घर छोड़ दिया और नतनी को अपने दो रिश्तेदारों के साथ मिलकर नहर में डाल दिया।
पुलिस के पूछने पर कि बच्ची नहर में डालते वक़्त जिन्दा थी या नहीं, तो राधा ने बोला कि उसने ध्यान नहीं दिया।
जल्दबाजी में आरोपी बच्ची के हाथ से अस्पताल का टैग हटाना भूल गए। उसी वजह से स्थानीय पुलिस बच्ची के परिवार वालों तक पहुंची और आरोपियों से सख्ती से पूछने पर सब बात निकलवा ली।
बच्ची को नहर में बहता देख कर गांव वालों ने तुरंत ही पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मीडिया को जानकारी दी कि बच्ची के शरीर पर कोई घाव नहीं था। 04 दिन से नहर में होने के कारण शरीर पर काई और मिट्टी लगी हुई थी।
पालोना की सिफारिश
- पालोना का मानना है कि इस मामले में न सिर्फ धारा 302, बल्कि आईपीसी की धारा 315 और जेजे एक्ट का सेक्शन 75 भी लगना चाहिए।
- ये Direct Infanticide का केस है। इसकी सजा कड़ी होनी चाहिए।
- यदि कोई लोकलाज या किसी भी कारण से बच्चे को पालने में असमर्थ है तो अपने जिले की बाल कल्याण समिति से संपर्क कर के अपने बच्चे को गोपनीय तरीके से सरकार के सुपुर्द कर देना चाहिए। किसी भी बच्चे की हत्या करना एक गंभीर अपराध है।
- सरकार को लोगों में सेफ सरेंडर पॉलिसी और सार्वजनिक पालनों के बारे में जन जागरूकता अभियान चलाने चाहिए। लोगों को बताना चाहिए कि जगह जगह पर पालनों को इसी वजह से रखा गया है, जिसमें वो अपना बच्चा छोड़ सकते हैं।
- अगर आपको सीडब्ल्यूसी या पालने के बारे में जानकारी नहीं है तो किसी अस्पताल के बेड पर भी बच्चे को छोड़ा जा सकता है। इससे बच्चा सुरक्षित भी रहेगा और स्वस्थ भी।