वह छोटी सी बच्ची झाड़ियों में पड़ी थी। उसके चारों तरफ लोगों की भीड़ जमा थी, लेकिन कोई भी उसे उठाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था। तभी एक महिला वहां पहुंची, उन्होंने बच्ची को वहां से उठाया और सीधे सीएचसी ले गईं। उसे तुरंत इलाज मिला और वह बच्ची बचा ली गई। घटना रांची के बुढ़मू प्रखंड के बारीपतरा जंगल में शनिवार पूर्वाह्न घटी।
एसपी ग्रामीण श्री अजीत पीटर डुंगडुंग और डीएसपी खलारी श्री पुरुषोत्तम सिंह द्वारा सूचना मिलते ही पा-लो ना ने बुढ़मू थाना प्रभारी श्री राकेश रंजन से संपर्क किया। उन्होंने और अस्पतालकर्मी विनेश ने जो बताया, उसके मुताबिक, एक महिला अपने पति के साथ मायके जा रही थी। इसी क्रम में जब वह बारीपतरा के जंगल से गुजर रही थीं तो उन्होंने एक जगह काफी भीड़ देखी। पास जाने पर मालूम हुआ कि एक नवजात बच्ची झाड़ियों में पड़ी है। वहां काफी लोग थे, लेकिन कोई भी उसे उठा नहीं रहा था, शायद पुलिस केस में फंसने के डर से। ऐसे में वह महिला आगे बढ़ी और बच्ची को वहां से उठाकर सीधे सीएचसी बुढ़मू ले गई। यह महिला एक माह पहले ही मां बनी थी और इसीलिए मां की ममता उस बच्ची के लिए भी जाग गई। महिला ने भूख से बेहाल उस बच्ची को अपना दूध भी पिलाया।
अस्पताल में विनेश से महिला और उनके पति की मुलाकात हुई। उन्होंने बच्चे का तुरंत इलाज करने का आग्रह किया। विनेश को जब बच्चे के मिलने की जानकारी हुई तो पुलिस केस बता पहले वह उन्हें थाने ले गए, जो नजदीक ही स्थित है। इसके बाद बच्ची का इलाज आरंभ हुआ।
इसी दौरान यह सूचना पा-लो ना तक पहुंची। पा-लो ना ने भी तुरंत बच्ची को प्राथमिक चिकित्सा दिलवाने और एंबुलेंस के जरिए ही रांची भेजने का आग्रह किया। साथ ही रांची बाल कल्याण समिति अध्यक्ष श्रीमती रूपा कुमारी को घटना की जानकारी दी। बीच में थाने से एंबुलैंस की व्यवस्था नहीं हो पाने की दिशा में जिंदगी मिलेगी दोबारा फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री अश्विनी राजगढ़िया जी से संपर्क कर एक एंबुलेंस तुरंत बुढ़मू की तरफ रवाना करवा दी, जिसे मार्ग से ही लौटा दिया गया, क्योंकि वहां 108 नंबर एंबुलेंस पहुंच चुकी थी और बच्ची को बेहतर इलाज मिलना पहले जरूरी था।
डॉक्टर के मुताबिक, उसका जन्म हुए कुछ ही घंटे बीते थे। बच्ची की हार्ट बीट और पल्स एकदम ठीक है और चेस्ट भी क्लियर है। बच्ची के पैर पर घुटने के पीछे एक कीड़े के काटने से लाल निशान की बाबत पूछने पर उन्होंने बताया कि कोई गंभीर घाव नहीं है। एक दिन पूर्व बारिश की वजह से बच्ची को ठंड लग गई है, जिससे उसकी आंखों में सफेद रंग का कीच बार-बार आ रहा है। इसके अलावा कोई मेजर इंज्यूरी नहीं है।
बच्ची का नाम आरती रखा गया है। उसका वजन 2.1 किलो है
पा-लो ना द्वारा जानकारी देने के बाद इस मामले में पुलिस ने आईपीसी के सेक्शन 317 (बच्चे को असुरक्षित छोड़ना) व 307 (हत्या का प्रयास) और जेजे एक्ट की 75 (बच्चे के साथ क्रूरता) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
पा-लो ना उन अनजान महिला की दिल से शुक्रगुजार है, जिन्होंने बच्ची को झाड़ियों से निकालकर सही समय पर अस्पताल पहुंचाया और उसकी जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। इसके साथ ही स्थानीय थाना प्रभारी श्री राकेश रंजन, डीएसपी खेलारी श्री पुरुषोत्तम सिंह और विशेषतौर पर एसपी ग्रामीण श्री अजीत पीटर डुंगडुंग की शुक्रगुजार है, जिनकी संवेदनशीलता ने परित्यक्त शिशुओं के मामले पर सभी को सक्रिय कर दिया है। इससे जहां एक तरफ अबोध बच्चों को त्वरित गति से मेडिकल हेल्प मिलने से उन्हें बचाने में मदद मिलेगी, वहीं केस दर्ज होने से लोगों के मन में डर पैदा होगा कि अब वे इस अपराध को अंजाम देकर बेफिक्र होकर नहीं घूम सकते। पुलिस कभी भी उन तक पहुंच सकती है। यह खौफ लोगों को इस क्रूर अपराध को अंजाम देने से रोकेगा।
22 सितंबर 2018 रांची, झारखंड (F)