वह शिशु झाड़ियों में पड़ा था, कुछ कपड़ों में लिपटा हुआ। गले पर खून और नाभि में गर्भ नाल सटी हुई थी। अंधेरे में ही कोई उसे वहां छोड़ गया था। भोर का उजाला हुआ तब लोगों की नजर उस पर पड़ी, लेकिन तब तक उसका जीवन मौत के अंधेरे में डूब चुका था। घटना शनिवार तड़के राजधानी के लालपुर थाना क्षेत्र के बरियातु इलाके में डीपीएस स्कूल के सामने घटी।
पत्रकार फहीम अख्तर ने पा-लो ना को घटना की सूचना दी, तो टीम ने खुद मौका स्थल का जायजा लिया, प्रत्यक्षदर्शियों और थानेदार से भी बातचीत की। इसके मुताबिक, सोनू नामक युवक का करमटोली चौक के पास डीपीएस स्कूल के सामने एक ढाबा है। वह सुबह करीब साढ़े चार-पांच बजे पानी भरने होटल पर आया था। जैसे ही अंधेरा छंटा और भोर का उजाला फैला, उसकी नजर ढाबे के बगल में झाड़ियों में मौजूद नवजात शिशु पर पड़ी। वह तुरंत बच्चे की तरफ दौड़ा कि शायद उसमें सांस बाकी हो, लेकिन यह व्यर्थ रहा। बच्चे की मौत तब तक हो चुकी थी। गर्भनाल उसके साथ ही लगी थी और गले पर खून के निशान भी थे। तस्वीर को देखकर ऐसा लगता है, मानो गले को किसी चीज से काटा गया हो।
सोनू के शोर मचाते ही वहां आस-पास वालों की भीड़ इकट्ठा हो गई। लालपुर थाने को सूचना दी गई। करीब आठ-साढ़े आठ बजे पुलिस आ कर बच्चे के शव को ले गई। शव का पोस्टमार्टम हो चुका है और अनधिकृत रूप से पा-लो ना को पता चला है कि बच्चे की मौत जन्म के बाद हुई है।
पा-लो ना को ये हत्या का मामला लग रहा है। गले पर कट के निशान से इसी बात का अंदेशा होता है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 315 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। टीम भी ये जानने को आतुर है कि इस जघन्य कृत्य को अंजाम देने वाली कहीं उसकी अपनी मां तो नहीं…
25 अगस्त 2018 रांची, झारखंड (M)