तालाब में मिली नवजात बच्ची
हत्या के प्रयास का केस दर्ज करे पुलिस: पालोना
02 MARCH 2023, F, A, BAREILLY, UP (WATERBODY)
मोनिका आर्य
उस तालाब में जितना पानी था, उसका बूंदभर भी उनकी आंखों में रहा होता तो शायद वो ऐसा कृत्य नहीं करते। लेकिन न उन आंखों में पानी था और न दिल में करूणा या स्नेह। यही वजह रही होगी कि उन्होंने बरेली के उस तालाब में एक जिंदा नवजात बच्ची को डाल दिया। क्या ऐसा करते हुए उनका दिल एक बार को कांपा होगा! मासूम को वहां डालते वक्त उन्हें इस बात का अंदाजा तो जरूर होगा कि पानी भरे तालाब में उसे डालने पर उसका हश्र क्या होगा।
कब, कहां, कैसे
पालोना को इस घटना की सूचना बदायूं के चाइल्ड लाइन कॉर्डिनेटर श्री कमल शर्मा से मिली। उन्होंने अखबार में छपी खबर को पालोना के व्हॉट्सअप ग्रुप (उत्तर प्रदेश) में शेयर किया था। उनकी मदद से चाइल्ड लाइन बरेली के कॉर्डिनेटर श्री सौरव गंगवार से संपर्क किया गया।
मिली जानकारी के मुताबिक, बरेली जिले के नवाबगंज थाना अंतर्गत खतौआ गांव में एक नवजात बच्ची मिली। इस मासूम को न जाने कौन तालाब में डाल गया था। गुरुवार, 02 मार्च 2023 की शाम कुछ ग्रामीण जब उस तालाब के पास से गुजरे तो उन्हें नवजात बच्ची के रोने की आवाज आई। तालाब में देखने पर उन्हें पानी के बीचोंबीच कपड़े में लिपटी एक मासूम नजर आई।
चाइल्ड लाइन कॉर्डिनेटर श्री सौरव गंगवार ने घटना के बारे में पालोना को जो बताया, उसे आप यहां सुन सकते हैं- ↓
जलकुंभी ने बचा लिया मासूम को
बच्ची का सिर जलकुंभी पर टिका हुआ था। वहीं, गले से नीचे का हिस्सा पानी में डूबा हुआ था। ग्रामीणों ने जब मासूम को इस हालत में देखा तो तुरंत पानी में से निकाला। नवाबगंज थाने की पुलिस को घटना की सूचना दी गई। उनके माध्यम से बरेली चाइल्ड लाइन तक सूचना पहुंची और मासूम को अस्पताल में प्राथमिक चिकित्सा दिलवाने के बाद शिशु गृह भेज दिया गया है। डॉक्टर्स के मुताबिक बच्ची का जन्म वहां तालाब में डालने से एक दिन पहले ही हुआ होगा। – श्री सौरव गंगवार, चाइल्ड लाइन कॉर्डिनेटर, बरेली, उत्तर प्रदेश।
क्या लिखता है स्थानीय मीडिया
सिर्फ दो दिन की यह बच्ची बृहस्पतिवार शाम नवाबगंज के गांव खतौआ के एक तालाब में पड़ी मिली। जलकुंभी में सिर फंस जाने की वजह से वह डूबने से बच गई।
बृहस्पतिवार को गांव के कुछ लोग तालाब के पास से गुजरे तो बच्ची के रोने की आवाज सुनकर चौंक गए। देखा, नवजात बच्ची का सिर जलकुंभी के झुंड में फंसा हुआ था और पैर पानी में डूबे हुए थे। आनन-फानन बच्ची को बाहर निकाला गया। जिस्म से गीले कपड़े उतारकर उसे दूसरे कपड़े पहनाए गए। फिर पुलिस को सूचना दी गई।
रोने की आवाज सुनकर गांव वालों ने उसे निकाला। इसके बाद चाइल्ड लाइन के जरिए उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जांच में स्वस्थ पाए जाने के बाद अब मासूम को बॉर्न बेबी फोल्ड अनाथालय में भर्ती कराया गया है।
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केस हो दर्ज: पालोना
- एक जीवित मासूम को पानी भरे तालाब में डाला गया है। ये उसकी हत्या का प्रयास है। श्री गंगवार से पालोना को मालूम चला कि बरेली पुलिस ने इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में शिशु परित्याग (Newborn Abandonement) के मामलों में केस दर्ज नहीं किया जाता है। ये एक तरह से एक जघन्य अपराध पर पर्दा डालने के समान है।
- पुलिस को इस मामले में आईपीसी 317, 307 और जेजे एक्ट सेक्शन 75 के तहत एफआईआर दर्ज करनी चाहिए।
- बरेली चाइल्ड लाइन से बातचीत में पालोना ने उन्हें इस घटना के कानूनी पक्षों से अवगत कराया। साथ ही बरेली सीडब्लूसी और पुलिस से पालोना की ये अपील है कि इस घटना को गंभीरता से लेते हुए गहन जांच पड़ताल की जाए।
- पालोना लोगों से भी ये अपील करता है कि वे सरकार की सेफ सरेंडर पॉलिसी के बारे में जानें और अपराध को अंजाम देने से बचें। वे बच्चे को छोड़ने के लिए कम से कम अस्पताल जैसी सुरक्षित जगह का चयन तो करें।
- वहीं चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट, बरेली को जिले में लगे पालनों और सेफ सरेंडर स्कीम के बारे में मास अवेयरनैस करनी चाहिए।
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