उन्होंने समझदारी बरती थी। बच्ची को यहां वहां छोड़ने की बजाय एक पालने में छोड़ दिया गया था। ये मध्य रात्रि के बाद का वक्त था। बच्ची स्वस्थ है और सुरक्षित भी। घटना बारां जिला चिकित्सालय में शनिवार तड़के घटी।
स्थानीय पत्रकार के मुताबिक, जिला चिकित्सालय में स्थित आश्रय पालना स्थल में रात करीब तीन बजकर 50 मिनट पर कोई व्यक्ति एक नवजात बच्ची को छोड़ गया। वह बच्ची एक सूती कपड़े में लिपटी थैले में रखी हुई थी।
पालना स्थल प्रभारी व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. बीएस कुशवाह ने बताया कि बच्ची का जन्म कुछ घंटों पहले ही हुआ था और उसे क्लीन भी नहीं किया गया था। उसका वजन दो किलो 200 ग्राम था। बच्ची जब मिली थी तो हाईपोथरमिया (न्यून ताप) से पीड़ित थी, लेकिन फर्स्ट एड मिलने के बाद वह स्वस्थ है। उन्होंने बच्ची को बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री अशोक कुमार शर्मा को सौंप दिया। समिति ने उसका नाम सृष्टि रखा और राजकीय शिशु गृह कोटा में भेजने की सिफारिश की है।
पा-लो ना को ये जानकारी पत्रिका के पत्रकार शिवभान शरण सिंह की रिपोर्ट से मिली। टीम हमेशा से बच्चों को त्यागने की बजाय उन्हें सौंपने की हिमायती रही है। हमारा मानना है कि यही वह उपाय है, जिसके जरिए हम इन नवजात शिशुओं को बचा सकते हैं। इन बच्चों को बचाने के लिए प्रभावित इलाकों में इसी तरह पालने लगाए जा सकते हैं और उनका सम्यक प्रचार प्रसार करके लोगों को इनकी जानकारी दी जा सकती है, ताकि वे बच्चों को फेंकने की बजाय इन पालनों में छोड़ जाएं।
13 जनवरी 2018 बारां, राजस्थान (F)