बांदा में बस स्टैंड के चबूतरे पर मिली नवजात बच्ची, अस्पताल में हुई मौत
24 मई 2022, मंगलवार, बांदा, उत्तर प्रदेश।
उत्तर प्रदेश के जिले बांदा में एक नवजात बच्ची बस स्टैंड पर बने चबूतरे पर मिली। उसकी गर्भनाल भी साथ लगी थी। बिना किसी कपड़े में लपेटे उसे चबूतरे पर रख दिया गया था। ग्रामीणों ने बच्ची को देखा और अस्पताल में एडमिट करवाया, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है।
कब हुआ, क्या हुआ
गूगल सर्फिंग के दौरान मिली इस घटना की पुष्टि बांदा के पत्रकार और पुलिस ने की है। ये घटना मंगलवार को कोतवाली देहात क्षेत्र के कलेक्टर पुरवा गांव में घटी।
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किसने क्या कहा
बच्ची को गांव वालों ने देखा और अस्पताल में एडमिट करवाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। – श्री के.के. मिश्रा, स्थानीय पत्रकार, बांदा, उत्तर प्रदेश।
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कोतवाली शहर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर ब्रजेश यादव अवकाश पर हैं। ये घटनास्थल कोतवाली देहात का है, लेकिन जिस अस्पताल में बच्ची एडमिट थी, वह कोतवाली शहर थाना क्षेत्र में आता है।
गांव के मुखिया ने बताया था कि कलेक्टर पुरवा गांव के सामने वाले बस स्टैंड पर मंगलवार सुबह एक नवजात बच्ची मिली थी। बस स्टैंड पर बने चबूतरे पर न जाने कौन उसे रख गया था। मुखिया ने ही बच्ची को अस्पताल पहुंचाया। मुखिया के मुताबिक, बच्ची को जन्म के तुरंत बाद बिना किसी कपड़े में लपेटे वहां चबूतरे पर रख दिया गया था। उसकी गर्भनाल भी साथ लगी थी।
इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, क्योंकि एफआईआर दर्ज करवाने के लिए कोई सामने नहीं आया है। – इंस्पेक्टर भूपेंद्र, कोतवाली शहर, बांदा, उत्तर प्रदेश।
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स्थानीय मीडिया ने जो लिखा-
कोतवाली देहात क्षेत्र के कलेक्टर पुरवा में सड़क किनारे झाड़ियों में मिली नवजात बालिका की बुधवार तड़के मौत हो गई। मंगलवार की देर शाम गंभीर हालत में नवजात को जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया था।
एसएनसीयू वार्ड प्रभारी डॉ. आदित्य कुमार ने बताया कि लगभग साढ़े सात माह में जन्म होने से उसकी हालत गंभीर थी। वार्मर में रखने के बाद भी सेहत में सुधार नहीं हो रहा था।
- अमर उजाला, हिंदी दैनिक, बांदा, उत्तर प्रदेश।
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बच्ची कम उम्र की जन्मी लग रही थी, उसका वजन भी बहुत कम था। जिसके चलते उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उसकी जान बचाने के लिए हमने भरपूर कोशिश की। शाम से लगाकर पूरी रात टीम के साथ हम बच्ची का इलाज करते रहे, लेकिन उसे बचा नहीं सके। अस्पताल प्रशासन ने अज्ञात बच्ची की डेडबॉडी को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवा दिया।
- यूपी तक में चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. आदित्य मिश्र के हवाले से।
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पालोना का पक्ष
↔ इस मामले में पुलिस को आईपीसी 317 , 338, व 315 तथा जेजे एक्ट सेक्शन 75 के तहत एफआईआर दर्ज करनी चाहिए।
↔ इसके साथ ही सरकार को सेफ सरेंडर पॉलिसी के बारे में जनजागरुकता के लिए अभियान चलाने चाहिएं।
↔ मालूम हो कि कोई भी व्यक्ति किसी मजबूरी या परेशानी की वजह से अपने बच्चे को सरकार को सुरक्षित सौंप सकता है। इसके लिए वह अपने जिले की सीडब्लूसी यानी बाल कल्याण समिति से संपर्क कर सकता है। सीडब्लूसी की जानकारी नहीं होने पर वह चाइल्डलाइन को 1098 (टोलफ्री) पर या पालोना को 9798454321 पर संपर्क कर जानकारी ले सकता है।
अपडेट
इस घटना को पालोना के ट्विटर हैंडल से 27 मई को ट्विट किए जाने के बाद बांदा पुलिस ने इसका संज्ञान लिया।
इसे कन्फर्म करने के लिए जब थाना प्रभारी कोतवाली देहात इंस्पेक्टर ब्रजेश यादव को फोन किया गया तो उन्होंने बताया कि मामले में आईपीसी 317 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पालोना की तरफ से उन्हें बताया गया कि इस केस में आईपीसी 315 और जेजे एक्ट का सेक्शन 75 भी लगेगा, क्योंकि बच्ची की मौत हो गई है और यह शिशु हत्या का मामला बनता है।
इसके अलावा आईपीसी 338 और एक से ज्यादा लोगों की संलिप्तता पाए जाने पर आईपीसी 34 भी लगाया जा सकता है।