क्या बच्चे के पिता की कोई जिम्मेदारी नहीं
मेंटल हेल्थ और सेफ सरेंडर पॉलिसी पर अवेयरनैस है समय की मांग
01 जून 2022, बुधवार, इंदौर, मध्य प्रदेश।
इंदौर की एक किशोरी बुधवार को अपने नवजात शिशु को लेकर अस्पताल पहुंची। उसका कहना था कि बच्चे के गले में दूध अटक गया है। डॉक्टर्स ने जब बच्चे का चैकअप किया तो पाया कि उसकी मौत हो चुकी है। उन्हें संदेह हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर्स का शक सही निकला। दबाव पड़ने पर किशोरी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
पालोना को घटना की जानकारी भोपाल की पूर्व सीडब्लूसी अध्यक्ष श्रीमती रेखा श्रीधर से मिली। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंदौर के खजराना पुलिस थाना क्षेत्र स्थित हीना पैलेस कालोनी निवासी किशोरी बलात्कार पीड़िता है और उसी व्यक्ति के साथ लिव-इन में रहती थी, जिसे उसने बलात्कार के आरोप में जेल भिजवाया था।
इन रिपोर्ट्स में घटना के पीछे अलग अलग कारण बताए गए हैं। कहीं बच्चे के रोने को वजह बताया गया है तो कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बच्चे का पिता ढाई माह के उस बच्चे को कहीं बेच देना चाहता था और मां ये नहीं चाहती थी. इसलिए मार डाला। कहीं कहीं परिजनों द्वारा शादी के दबाव को भी वजह बताया गया है, तो कहीं बच्चे के मां-बाप के बीच विवाद को। लेकिन पालोना को लगता है कि यह पोस्टपार्टम साईकोसिस का मामला हो सकता है।
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स्थानीय मीडिया की नजर में
वो 17 साल की लड़की है। वहीं के एक लड़के ने बहला फुसला कर उससे संबंध स्थापित कर लिए। फिर उसे छोड़ कर चला गया और कहीं और शादी कर ली। ये प्रेग्नेंट हो गई। फिर बच्चा हुआ तो परिवार वाले भी इस पर नाराज रहने लगे। इसे समझ नहीं आ रहा था कि खुद को पाल नहीं सकती, बच्चे को कैसे पालेगी। इसलिए बच्चे के मुंह पर हाथ रखकर उसे दबा दिया। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर को बच्चे की नाक और होंठ पर चोट के निशान मिले हैं। रिपोर्ट में दूध अटकने के कोई निशान नहीं मिले। बच्चे की मौत संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई थी। पुलिस को आस-पास वालों से इसकी सूचना मिली तो वे उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले गए। – श्री सुमित ठक्कर, क्राईम रिपोर्टर, इंदौर, मध्य प्रदेश।
“A few days ago, a minor girl was raped after which she gave birth to a child. Her family members were putting pressure on her to get married. She was frustrated and killed her two-month-old baby. She has confessed to her crime,” said Rajesh Vyas, Additional DCP, Indore. – एनडीटीवी डॉट कॉम
The post mortem report mentions throttling as the cause of death. The mother killed the boy. We have registered a murder case against her and sent her to juvenile centre, khajrana police station in-charge Dinesh Verma Gurjar said.
She had eloped with her lover in October 2020 and they were found together in July last year, said Gurjar. She was four month pregnant then. Her lover was sent to prison under POCSO and IPC for rape and abduction. The girl, however, put pressure on her family and accused got bail. She delivered a baby boy in March but after her lover got out of jail, their relationship deteriorated. The girl wanted to marry somebody else, but kid was posing a problem. The Mother was also irritated with the cryings. She decided to get rid of the problem and killed the child. –टाईम्स ऑफ इंडिया डॉट कॉम
थाना प्रभारी दिनेश वर्मा के अनुसार खजराना इलाके में रहने वाली 16 वर्षीय नाबालिग इलाके के रहने वाले फरहान के साथ जुलाई 2020 में भाग गई थी। परिवार ने लड़की की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। एक साल बाद अक्टूबर 2021 में नाबालिग और फरहान को पुलिस ने इंदौर के समीप पीथमपुर इलाके से खोज निकाला। आरोपी फरहान पर पॉक्सो एक्ट के साथ दुष्कर्म के तहत मामला दर्ज कर को जेल भेज दिया। उस समय नाबालिग चार महीने की गर्भवती थी। 15 मार्च को बेटे को जन्म दिया। 31 मई को बच्चे की गला घोंटकर हत्या कर दी।
फरहान के जेल जाने के बाद से नाबालिग परिवार वालों पर लगातार उसे बाहर निकलवाने का दबाव बना रही थी। इसके बाद परिवार ने कोर्ट में एक आवेदन देकर फरहान को जेल से बाहर निकलवाया। आरोपी तब तक 5 माह की जेल काट चुका था। बेटे को जन्म देने पर पुलिस ने परिवार वालों को बच्चे का डीएनए करवाने के लिए कहा था। बच्चा कमजोर पैदा हुआ था। इस कारण परिवार वाले डीएनए टेस्ट करवाने के लिए मना करते रहे। कुछ दिन पहले खजराना थाने के जांच अधिकारी ने डीएनए टेस्ट करवाने के लिए कहा तो परिवार ने बच्चे की मौत होने की जानकारी दी। इस पर पुलिस हरकत में आई और मां को तुरंत हिरासत में लेकर पूछताछ की।
लड़की द्वारा कई बार बयान बदलने और बातों को घुमाने पर पुलिस को शक हुआ। पुलिस ने जब सख्ती से पूछा तो युवती ने अपना जुर्म कबूल करते हुए कहा, मैं उसे संभाल नहीं पा रही थी। वो पूरा दिन रोता रहता था। इस कारण गला दबा कर उसे मार डाला। पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसे बाल संप्रेक्षण गृह भेजा है। – भोपाल समाचार डॉट कॉम
मामले को लेकर एडिशनल डीसीपी राजेश व्यास का कहा है कि, मामला बेहद विचलित कर देने वाला है। उनका कहना है कि, खजराना थाना इलाके में रहने वाली नाबालिग के साथ एक युवक ने एक साल पहले दुष्कर्म किया था। पुलिस ने इस मामले में एक्शन भी लिया था। दुष्कर्म के बाद नाबालिग को गर्भधारण हो गया था। इसके बाद उसने मार्च माह में एक बच्चे को जन्म दिया जो अब 2 माह का हो चुका था। वो बच्चे के लालन-पालन से परेशान थी। साथ ही कहीं ओर शादी भी करना चाह रही थी, जिसमें अड़ंगा बन रहे खुद के बच्चे को ही उसके मार दिया।
बच्चे का गला दबाकर हत्या करने का बाद नाबालिग मां ने अपने माता-पिता के सामने एक मन घड़ंत कहानी रची। उसने बताया कि, बच्चे के गले मे दूध आ गया है, जिसकी वजह से उसकी सांस नहीं चल रही है। इसपर बच्चे को लेकर तुरंत ही अस्पताल पहुंचे नाबालिग के माता-पिता को चिक्त्सकों ने बताया कि, बच्चे की मौत हो चुकी है।
इधर, डॉक्टरों ने परिजन के सामने बच्चे की मौत की पुष्टि तो कर दी, लेकिन उन्हें बच्चे की मौत सामान्य नहीं लग रही थी। इसपर उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। इसपर पुलिस ने आरोपी नाबलिग मां से पूछताछ की तो घबराकर उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। नाबालिग मां ने बताया कि, बच्चे की मौत सांस की नली में दूध जाने की वजह से नहीं हुई, बल्कि उसने ही अपने बच्चे का गला दबाकर उसकी हत्या की है। फिलहाल, पुलिस ने नाबालिग मां के खिलाफ अपने बच्चे की मौत के जुर्म में धारा 302 के तहत मामला दर्ज करके उसे हिरासत में ले लिया है। आरोपी को न्यायलय में पेश करने की तैयारी की जा रही है। – पत्रिका डॉट कॉम
किशोरी के साथ दुष्कर्म करने वाला फरहान पांच माह जेल में रहा, लेकिन बाद में दोनों ने समझौता कर लिया और साथ में रहने लगे। इसी साल मार्च में किशोरी ने एक बच्चे को जन्म दिया। पति-पत्नी के रुप में रहे दोनों में विवाद होने लगा। किशोरी कभी मां और बहन के घर रहने चली जाती थी। उसने यह भी कहा कि फहरान बच्चे को बेचना चाहता था। कभी कहा वह अनाथालय में छोड़ना चाहता था इसलिए मार दिया। – जनता से रिश्ता डॉट कॉम
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क्या कहते हैं विशेषज्ञ
18 साल से कम उम्र के बच्चे आजकल सेक्सुअली काफी एक्टिव हैं। वे एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। इसी में कई बार लड़कियां गर्भवती हो जाती हैं। उन्हें समझ नहीं आता कि वे क्या करें। डिलीवरी के बाद सामान्य स्त्री भी पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार हो जाती है। ये लड़की भी हो गई हो तो कोई अचरज नहीं।
लड़की माईनर है तो टैक्निकली इसे रेप ही कहेंगे। लेकिन जेजे एक्ट में आज संशोधन की जरूरत है। खासकर 14 से 18 साल के बच्चों के बीच डेवलप हो रहे अफेयर को पॉक्सो की श्रेणी से बाहर करने की जरूरत है, ताकि किसी लड़के का जीवन ‘म्यूचुअल कंसेन्ट’ से बने रिश्ते की वजह से बर्बाद न हो। अब अदालतें भी इस बदलाव की जरूरत को बता रही हैं। – श्रीमती ज्योति तिवारी, उत्तर प्रदेश (पॉक्सो मामलों पर लंबे समय से काम कर रहीं हैं)
पालोना का पक्ष
इस घटना में कई बातें गौर करने वाली हैं।
- प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद के बदलावों से जूझ रही लड़की कई वजहों से मानसिक दबाव में थी। कम उम्र, बच्चे की जिम्मेदारी, ब्वॉयफ्रेंड से झगड़ा, परिवार द्वारा शादी का प्रेशर आदि। इन सब कारणों से वह अवसादग्रस्त हो गई हो तो कोई आश्चर्य नहीं।
- जो सबसे अधिक गौर करने वाली बात है, वो ये कि पुलिस द्वारा डीएनए के लिए दिया जा रहा दबाव भी इस शिशु हत्या का मुख्य कारण हो सकता है। हो सकता है कि किसी वजह से वह बच्चे का डीएनए टैस्ट नहीं करवाना चाहती हो और इसलिए उसने बच्चे की हत्या कर दी हो।
- इस मामले में बच्चे के पिता की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित होनी चाहिए, जिसने बच्चे का दायित्व संभालने से इनकार कर दिया।
- मामले में आईपीसी 302 के साथ साथ आईपीसी 315, जेजे एक्ट सेक्शन 75 भी लगना चाहिए।
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