उसे नंगे बदन स़ड़क पर छोड़ दिया गया था। फिर भी बचा लिया गया, क्योंकि ये सुबह-सुबह का वक्त था, जानवरों से पहले लोगों की नजर बच्चे पर पड़ गई और फिर उसे तुरंत एक्शन लेते हुए अस्पताल पहुंचा दिया गया। घटना चतरा के लावालौंग थाना क्षेत्र के मंधनिया पंचायत स्थित बेलाटांड़ एवं सिकनी गांव की सीमा पर बुधवार को घटी।
लावालौंग के पत्रकार श्री अमित ने पा-लो ना को सुबह घटना की जानकारी दी कि लावालौंग में एक नवजात बच्चा झाड़ियों में फेंका हुआ मिला है, जिसे ग्रामीण अपने गांव ले गए हैं। उन्होंने ग्रामीणों से घटना की सूचना थाना प्रभारी शत्रुघ्न पासवान को देने और बच्चे को तुरंत मेडिकल केयर दिलवाने का आग्रह किया। उन्होंने स्वयं भी श्री पासवान को फोन करके बच्चे को अस्पताल ले जाने की अपील की। अमित काफी समय से पा-लो ना के मंच से जुड़े हुए हैं और जानते हैं कि इन बच्चों को तुरंत मेडिकल केयर मिलना कितना जरूरी है।
श्री पासवान ने बच्चे को तुरंत लावालौंग स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। इस बीच पा-लो ना द्वारा ये सूचना साझा करने से जानकारी चतरा बाल कल्याण समिति के श्री धनजंय तिवारी और श्रीमती संध्या प्रधान तक भी पहुंच चुकी थी और उन्होंने भी घटना का संज्ञान ले लिया था। उन तक सूचना पहुंचाने में रांची के बाल कल्याण समिति सदस्य श्री श्रीकांत और हजारीबाग के चाईल्डलाईन सदस्य श्री संजय कुमार का भी महती योगदान रहा, जिन्होंने चतरा की बाल कल्याण समिति के अलावा स्पेशल एडॉप्शन एजेंसी को भी सूचना भेज दी थी। इस सारी कवायद का नतीजा ये निकला कि बच्चा एकदम स्वस्थ और सुरक्षित है और उसे वात्सल्य शिशु गृह भेजा जा रहा है।
ये संयोग ही है कि बाल कल्याण समिति चतरा की टीम आज लावालौंग के इलाके में ही थी। इसलिए जैसे ही घटना की सूचना मिली, वे तुरंत अस्पताल पहुंच गए। बाद में पा-लो ना को विवरण देते हुए थाना प्रभारी पासवान जी और बाल कल्याण समिति की संध्या प्रधान जी एवं धनजंय तिवारी जी ने बताया कि बुधवार की सुबह बेलाटांड़ गांव के कैलाश गंझू की पत्नी बिगनी देवी शौच के लिए घर से बाहर निकली थीं। जब वह बेलाटांड एवं सिकनी गांव की सीमा पर पहुंचीं तो उन्हें एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। आवाज की दिशा में जाने पर उन्होंने देखा कि एक बच्चा फेंका हुआ है। बच्चे को देखकर ममता और मानवता के प्रभाव में बिगनी बच्चे को अपने घर ले आईं और इसकी सूचना गांव वालों को दी। इसी दौरान अमित को भी घटना की सूचना मिल चुकी थी और उनके प्रयास से थाना प्रभारी शत्रुघ्न पासवान को भी। सूचना पाते ही थाना प्रभारी ने बच्चे को अपने संरक्षण में लेकर उसे तत्काल लावालौंग स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। इसके कुछ देर बाद ही बाल कल्याण समिति के सदस्य धनंजय तिवारी एवं एलपीओ भुवन भास्कर भी लावालौंग पहुंच गए और बच्चे का हालचाल लिया। श्री तिवारी ने बताया कि बच्चे को तत्काल स्वास्थ्य केंद्र में रखा गया है, जहां उसकी स्थिति बिल्कुल ठीक है। बच्चे को यहां से दत्तक केंद्र चतरा ले जाया जाएगा।
टीम पा-लो ना को खुशी है कि सबके समवेत प्रयासों से एक नन्ही सी जान को बचाया जा सका। यदि इसी तरह हर बार तत्परता और टीम स्पिरिट से काम किया जाए तो इन बच्चों की होने वाली मृत्यु दर को कम किया जा सकेगा और अबोध बचपन को सहेजा जा सकेगा। टीम हर उस व्यक्ति के प्रति धन्यवाद अदा करती है, जिसने इस पूरी कवायद में साथ दिया।
13 जून 2018 चतरा, झारखंड (M)