क्या हुआ –
जिले के खैरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को अजीब वाकया पेश आया। करीब दस
माह की एक बच्ची अस्पताल में अकेले मिली। वहां भर्ती मरीजों और उनके परिजनों ने बच्ची
को पहचानने से इनकार कर दिया। स्थानीय लोगों और मीडिया में आई प्राथमिक जानकारी के
अनुसार, एक महिला ने बेटे को जन्म दिया था और वही लोग अपनी बेटी को वहां लावारिस हालत
में छोड़कर फरार हो गए। जिस परिवार पर शक था, उन्हें बुलाकर जब बच्ची के संबंध में
पूछताछ की गई तो उन्होंने बच्ची को पहचानने से इंकार कर दिया।
स्थानीय पत्रकार श्री राजेश कुमार ने पा-लो ना को घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया
कि बुधवार सुबह लगभग साढ़े ग्यारह बजे अस्पताल में कार्यरत एक आशा कार्यकर्ता ने एक
बच्ची को अस्पताल के प्रसूता वार्ड में रोते हुए देखा। इसकी सूचना उन्होंने अस्पताल
प्रबंधन को दी। आशा कार्यकर्ता के मुताबिक, बच्ची के परिजन अस्पताल के लेबर रूम के एक
बेड पर तौलिया बिछाकर उसे छोड़ गये। अन्य अस्पताल कर्मियों की मानें तो कोई बाहरी
व्यक्ति भी आकर उस बच्ची को अस्पताल में छोड़ कर जा सकता है।
इस बच्ची को अस्पताल में ही काम करने वाली सफाईकर्मी उषा देवी ने गोद लेने की इच्छा
जताई है। प्रखंड क्षेत्र के भिमाइन पंचायत के घटवारी गांव की रहने वाली सफाई कर्मी उषा
देवी ने कहा कि वह इस बच्ची का भरण-पोषण करना चाहती हैं, क्योंकि उन्हें कोई बेटी नहीं
है। अस्पताल प्रबंधन सीसीटीवी फुटेज खंगाल कर इस मामले की तहकीकात करने में जुट गया है।
प्रबंधन ने बच्ची के संभावित परिजनों को अस्पताल में बुलवाकर पूछताछ भी की है, हालांकि
उन्होंने उसे पहचानने से इंकार कर दिया। फिलहाल बच्ची को बेगुसराय के शिशु गृह भेज दिया
गया है।
सरकारी पक्ष –
बिहार में फिलहाल सभी कार्यकारी बाल कल्याण समितियों को भंग कर दिया गया है और उनका
प्रभार एडीसीपी व सीडीपीओ को दिया गया है। चाईल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर श्री मनोज कुमार
चौधरी ने पालोना को बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में आ चुका है और बच्ची को शिशु गृह
बेगुसराय में भेज दिया गया है। घटना के दिन अस्पातल में भर्ती किसी भी महिला और उनके
परिवारों ने बच्ची को नहीं पहचाना था। ऐसा लगता है कि बच्ची को बाहर से लाकर वहां छोड़ा
गया है।
पा-लो ना का पक्ष –
पालोना को पहलेपहल ये लगा था कि शायद बच्ची को गलती से वहां छोड़ दिया गया है, लेकिन कई
दिन बीतने के बाद भी बच्ची को लेने के लिए किसी का नहीं आना संशय पैदा करता है। ऐसा
लगता है कि लड़की होने की वजह से ही उसे वहां छोड़ा गया है। हो सकता हो कि कोई परिवार
बच्ची को पालने में असमर्थ हो, लेकिन उसे कोई नुकसान भी नहीं पहुंचाना चाहता हो, इसलिए
पकड़े जाने के तमाम खतरे उठाकर भी वे बच्ची को अस्पताल में छोड़ गए।
#PaaLoNaa #Save_The_Unwanted_Newborns #No_More_RIP #Abandon #Abandoned
#Exposure #Alive #Dead #Newborn #Child #Children #family #Baby #Babies #Infant
#Infanticide #Neonate #Neonaticide #Brutal #Killing #CrimeAgainstChildren
#CrimeAgainstHumanity #BetiBachaoBetiPadhao #BabyGirl #BabyBoy #Adoption #FosterCare
#Sponsorship #CARA #MinistryWCD #ManekaGandhi #ICPS #CNCP #SCPCR #NCPCR #CARA
#Safe_Haven_law #BabyBox #Globla #India #Jharkhand #MP
#Haryana #Rajasthan #Bihar #UP #Chhatisgerh #Banglore #Sensitive #Reporting
#Journalism #Advocacy #Awareness #Research #Sensitization #DATA #FACTS #FIGURES
17 April 2019 Jamui, Bihar (F)