क्या बच्चे को बेचने की थी तैयारी!
ये सुरक्षित परित्याग है, पर बच्चे का सौदा अपराध है- पालोना
7 November 2023, Agra, Uttar Pradesh
SS Team
आगरा में एक युवती डिलीवरी के बाद अपने नवजात को अस्पताल में छोड़ कर चली गई। उसके जाने के बाद कुछ लोग अस्पताल पहुंचे और बच्चे को अपना बताने लगे। बच्चे के सौदे की जानकारी मिलते ही पुलिस भी वहां पहुँच गई। पूरे अस्पताल को सील कर दिया गया। फिलहाल नवजात बालक का स्वास्थ्य ठीक है।
कब, कहाँ, कैसे
पालोना को इस घटना की जानकारी गुगल सर्फिंग के दौरान मिली। ये घटना 7 नवंबर 2023 की सुबह की है। सोमवार 6 नवंबर की रात 11 बजे एक गर्भवती युवती, एक युवक और नर्स के साथ आगरा के रामकृष्ण अस्पताल में भर्ती हुई। चार-पांच घंटे के प्रसव के बाद सुबह 4 बजे युवती ने एक बालक को जन्म दिया। फिर बच्चे का स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण उसको एएस अस्पताल में भर्ती किया गया, जहाँ पर वो युवती अपना बच्चा छोड़ कर चली गई। ये युवती मथुरा की निवासी थी।
रामकृष्ण अस्पताल में बच्चे का जन्म होने के बाद ही कुछ लोग पहुंचे और उसको अपना बताने लगे। बच्चे के सौदे की खबर मिलते ही वहां पुलिस और बाल कल्याण समिति की एक टीम पहुँच गई।
अस्पताल के कर्मचारियों से पता चला कि युवक युवती का पहचान पत्र जमा किया गया था। जो नर्स उनके साथ आई थी, वो खुद को युवती की भाभी बता रही थी।
नवजात बालक को आईसीयू में रखा गया है और माँ की खोजबीन की जा रही है।
क्या कहती है स्थानीय पुलिस
स्थानीय पुलिस का कहना है कि इस मामले की जानकारी बाल कल्याण समिति को दे दी गई है। हालाँकि बच्चे को अभी पुलिस की अभिरक्षा में रखा गया है। प्रभारी निरीक्षक मानव तस्करी निरोधक थाना, इकबाल हैदर का कहना है कि जो महिला अपने को युवती की भाभी बता रही थी, वो यमुना पार एक अस्पताल में नर्स है।
उस नर्स का कहना है कि वो पहले एक पार्लर में काम करती थी, तब ये युवती उसके पार्लर में आती थी। अभी आठ दिन पहले इस युवती ने नर्स से फेसबुक के जरिये संपर्क किया था और उसे अपनी समस्या बताई थी। वो नर्स बच्चे को गोद लेने को इच्छुक थी। उसने युवती को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था।
फिलहाल पहचान पत्र के जरिये पुलिस बच्चे की माँ की खोजबीन में लगी है।
क्या लिखता है स्थानीय मीडिया
स्थानीय मीडिया का कहना है कि नर्स और डॉक्टर एक दूसरे पर दोषारोपण में लगे हुए हैं। जहाँ नर्स रेनू का कहना है कि डॉ अभिषेक चौहान उस पर बच्चे के सौदे का दबाव बना रहे थे।
वहीँ डॉ चौहान का कहना है कि नर्स ये सारी बातें अस्पताल को बदनाम करने के लिए कह रही है। डॉ चौहान का ये भी कहना है कि जब तक बच्चा उनके अस्पताल में था, एकदम स्वस्थ था। उसे स्वस्थ हालत में अस्पताल से छोड़ा गया था। दूसरे अस्पताल में उसे क्यों भर्ती कराया गया, उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जब पुलिस अस्पताल पहुंची, वहां डॉ अभिषेक चौहान मौजूद नहीं थे। वो खाना खाने अपने घर गए हुए थे।
आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि इस मामले की ठीक से जाँच पड़ताल होगी।
पालोना की अपील
1.पालोना का मानना है कि बच्चे को अस्पताल में छोड़ना एक सही कदम है। ये सुरक्षित श्रेणी का परित्याग है, पर बच्चे के सौदे को स्वीकारा नहीं किया जा सकता। क्योंकि बच्चे की खरीद बिक्री कानूनन जुर्म है।
2.बच्चे का सौदा करना बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि इस तरह से बच्चे को लेने वाले की नीयत ख़राब भी सकती है
3.इसलिए जो माता पिता अपने बच्चे का परित्याग करना चाहते हैं, उन्हें अपने बच्चे को बाल कल्याण समिति को सौंपना चाहिए।
4.बाल कल्याण समिति की सहायता से बच्चा लीगल एडॉप्शन पूल में आता है।
5.यहां से cara के जरिए नवजात को सुरक्षित रूप से किसी अच्छे घर में गोद दिया जा सकता है। वहां सभी कार्यवाही कानूनी तरीके से संपन्न की जाती हैं।
6.कारा की टीम गोद लेने वाले परिवार की पहले पूरी जांच करती है और जब तक वो परिवार सारे मापदंड पर सही नहीं उतरता, बच्चे को नहीं सौंपती।
