रात का समय था, जब बहरौला के एक चैरिटेबल हॉस्पिटल के बाहर रखी गई उस बच्ची पर चौकीदार की नजर पड़ी। उसने तुरंत ही हॉस्पिटल और नजदीक मौजूद प्रेमआश्रम के लोगों को बच्ची की सूचना दी। बच्ची को जन्म के करीब एक-दो घंटे के बाद कंबल में लपेटकर वहां रख दिया गया था। बच्ची इतनी प्यारी है कि उसे गोद लेने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है, मगर बच्ची को ऐसे ही किसी को भी गोद नहीं दिया जा सकता। कानून इसकी इजाजत नहीं देता। घटना हरियाणा के पलवल की है।
चाईल्ड वेलफेयर कमेटी की सदस्या अल्पना मित्तल जी ने बताया कि 8 जनवरी को मिली बच्ची की सूचना उन्हें 24 जनवरी को मिली तो उसे बेहतर ईलाज के लिए एक दूसरे हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां मौजूद मेडिकल स्टाफ ने बच्ची को पहचान लिया। बच्ची का जन्म उसी अस्पताल में हुआ था।
मेडिकल स्टाफ के मुताबिक, बच्ची के गायब होने के बाद बच्ची की मां और दादी आपस में एक दूसरे पर बच्ची को कहीं छोड़कर आने का आरोप लगा रही थीं। संभवतः कन्या शिशु होने की वजह से उन्होंने उसे छोड़ दिया था। वे उसे मारना नहीं चाहते थे। पुलिस में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई और जांच पड़ताल के दौरान बच्ची के परिवार का पता चल गया है, हालांकि उनसे अभी संपर्क नहीं हो पाया है।
अल्पना जी ने ये भी बताया कि उन्होंने शहरवासियों से बच्चों को फेंकने की बजाय उन्हें सुरक्षित हाथों में सौंपने की अपील की थी और उनकी अपील के एक हफ्ते के अंदर ही ये मामला सामने आया था।
उनके मुताबिक, बच्चों को त्यागना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। अगर हर परिवार ऐसा करने लगे तो सरकार कैसे उनका पालन-पोषण करेगी, इसलिए वे लोग ऐसे परिवारों की काउंसलिंग भी करते हैं, जो अपने बच्चों को त्यागना चाहते हैं। उन्हें तीन महीने तक बच्चे को संभालने के लिए तैयार किया जाता है। यदि इसके बाद भी परिवार अपने बच्चे को अपनाने को तैयार नहीं होता तो फिर उस बच्चे को एडॉप्शन के लिए भेजने की कोशिश की जाती है।
पा-लो ना का भी यही मानना है कि किसी भी बच्चे के समुचित शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक विकास के लिए बच्चे का अपने बॉयोलॉजिकल पेरेंट्स के पास रहना ही ज्यादा उचित है। लेकिन यदि बच्चे को मारने और उसे किसी को सौंपने के विकल्प में से किसी एक को चुनना हो तो निश्चित तौर पर उसे किसी को सौंप देना ही बेहतर है। बच्चे की जान लेने का अधिकार किसी को नहीं है, यहां तक कि बच्चे के जन्मदाताओं को भी नहीं।
8 जनवरी 2018 पलवल, हरियाणा (F)