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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/paa17624/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121झारखंड के चतरा जिले में एक नवजात बच्ची का शव मिला है। पुटुस की झा़ड़ियों में मिली बच्ची के तन पर कपड़े का एक टुकड़ा भी नहीं था। उसकी गर्भनाल भी साथ लगी थी। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही आईपीसी 318 में केस दर्ज कर लिया है।
पालोना के झारखंड ग्रुप में चतरा के वरिष्ठ पत्रकार (नाम नहीं बताना चाहते) ने इस घटना की सूचना शेयर की। उन्होंने न्यूजस्केल लाइव का एक लिंक वहां शेयर किया। इसके मुताबिक, चतरा के असढीया गांव के मांडर टांड के समीप झाड़ी से एक नवजात बच्ची का शव पुलिस ने मंगलवार को बरामद किया। पुलिस ने सीडब्लूसी चतरा के अध्यक्ष श्री धनंजय तिवारी को इसकी सूचना दी।
इसके बाद सीडब्लूसी अध्यक्ष श्री तिवारी, सब इंस्पेक्टर श्री मनोज पाल और पुलिस को सूचना देने वाले श्री सिकंदर ठाकुर से भी पालोना ने बात की।
हम सीसीएल की गाड़ी चलाते हैं। सुबह 10 बजे के आसपास उस रास्ते से गुजरे तो देखा कुछ लोग खड़े हैं वहां। हमारे एक परिचित ने हमें घटना के बारे में बताया। हमने उन्हें पुलिस को सूचना देने को कहा तो कोई भी तैयार नहीं हुआ। वे डर रहे थे कि पुलिस उन्हें पकड़ लेगी। तब हमने 100 नंबर डायल किया। कुछ ही देर में पुलिस वहां आई और बच्ची के शव को ले गई।
– श्री सिकंदर ठाकुर
हमें करीब 12 बजे के आसपास बच्ची की सूचना मिली थी। सिकंदर नामक शख्स ने डायल 100 पर सूचना दी थी। घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां लोगों की भीड़ जमा थी। बच्ची का शव पुटुस की झाड़ी में अटका हुआ था। उसका मुंह नीचे की ओर था। शरीर पर गर्भनाल भी लगी हुई थी। ऐसा लगता है कि कहीं और से लाकर शव को वहां डाला गया है। हमने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। हॉस्पिटल से बताया गया कि यहां बच्चे के शव का पोस्टमॉर्टम नहीं होता है। इसलिए उसे यहां से हजारीबाग रेफर किया गया है। साथ ही इसमें आईपीसी 318 के तहत एफआईआर भी दर्ज कर ली है।
– सब इंस्पेक्टर मनोज पाल
हमें सदर थाने के सब इंस्पेक्टर मनोज पाल ने फोन पर घटना की जानकारी दी थी। हमने उन्हें शव का पोस्टमॉर्टम करवाने और केस को आईपीसी 318 में दर्ज करने का निर्देश दिया है।
– श्री धनंजय तिवारी, सीडब्लूसी अध्यक्ष, चतरा।
बच्ची के शव को देखने से ऐसा लगता है, मानो ये INDIRECT PARENTAL INFANTICIDE का मामला हो। बच्ची के शरीर पर कोई कपड़ा नहीं होना, खून व गर्भनाल लगा होना इसकी गवाही देते हैं। मालूम होता है कि जन्म लेने के तत्काल बाद उसे लाकर यहां डाला गया है। इसके अलावा, कुछ दूरी से उसे उछाला गया प्रतीत होता है। जैसे कोई हड़बड़ी में आकर वहां बच्ची को डाल गया हो। उसका मुंह नीचे की ओर है।
हम धन्यवाद करते हैं सिकंदर ठाकुर और सब इंस्पेक्टर मनोज पाल का भी, जिन्होंने सही समय पर सही फैसले लिए। साथ ही सीडब्लूसी अध्यक्ष धनंजय तिवारी जी का भी, जिन्होंने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए।
श्री तिवारी पिछले कई सालों से पालोना के व्हॉट्सग्रुप से जुड़े हुए हैं। जब भी कोई नवजात शिशु कहीं मिलता है तो वह उस के लिए पहल करते हैं। इन घटनाओं में पहली बार 2019 में झारखंड के चतरा में ही उपयुक्त सेक्शन में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके लिए श्री तिवारी ने विशेष प्रयास किए थे। वह मीडिया से भी जुड़े रहे हैं।
शिशु हत्या को रोकने के लिए किए जा रहे उनके प्रयासों के लिए साल 2022 में उन्हें पालोना के संवेदना आभार समारोह में स्पंदन अवॉर्ड से अलंकृत भी किया गया था।
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